सिमरिया कल्पवास मेले में मुकम्मल व्यवस्था होना बाकी

बेगूसराय। सिमरिया गंगातट पर प्रति वर्ष कार्तिक महीने में लगने वाला मेला शुक्रवार से शुरू हो जायेगा। विभिन्न जिलों समेत पड़ोसी देश नेपाल से संतों तथा लोगों का आने का सिलसिला शुरू है। जिला प्रशासन की तरफ से मुहैय्या कराये जाने वाली व्यवस्था पूरी नहीं हो सकी है। एक ओर जिला प्रशासन 6 अक्टूबर तक व्यवस्था को पूरा करने की बात कह रहे है। वहीं, दूसरी ओर कल्पवास के लिए आये साधु संतों ने बिजली, सफाई समेत शौचालय निर्माण की मंथर गति से होने की बात कही है।

कल्पवास मेला में अस्थाई स्वास्थ शिविर में डॉक्टर और नर्स नदारद दवा के लिए कल्प वासी परेशान।

कल्पवास मेला में हजारों की संख्या में महिलाएं और पुरुष श्रद्धालु पिछले 13 अक्टूबर से कल्पवास करने के लिए सिमरिया तट पर आए हुए हैं ।इसमें बिहार के कई जिलों से कल्पवास करने के लिए लोग आए हैं ।कल्प वासियों की स्वास्थ्य की देखरेख करने के लिए तीन शिफ्ट में डॉक्टर और नर्स को ड्यूटी पर तैनात जिला प्रशासन के द्वारा कराया गया है। लेकिन जब शुक्रवार की शाम में असलियत हाल जानने के लिए सिमरिया घाम अस्थाई स्वास्थ शिविर में 6:45 बजे शाम में जब मीडिया कर्मी पहुंचकर देखा तो आश्चर्य किया कि दूसरे शिप्ट में लगाए गए ना डॉक्टर और ना ही नर्स ही स्वास्थ शिविर में मौजूद थे। सिर्फ स्वास्थ शिविर में राजकुमार और ललन कुमार जो स्थाई रूप से महीने भर के लिए ड्यूटी में स्वास्थ्य कर्मी को लगाया गया है , वही दोनों उपस्थित थे ।

अस्थाई स्वास्थ्य शिविर से प्राप्त ड्यूटी रजिस्टर में जब लगाये गये डॉक्टर और नर्स का नाम देखा गया तो उसमें से डॉ अरुण कुमार, डॉक्टर सुशील कुमार दोनों ड्यूटी से नदारद दिखे। इसके अलावा एएनएम रीना भारती तेघड़ा,पुष्प लता कुमारी तेघड़ा, मोहम्मद साहिर मटिहानी ,चतुर्थवर्गीय कर्मी ,लाल कृष्ण कुमार पीएमडब्ल्यू सा० कमाल अपने ड्यूटी से गायब मिले। इस संबंध में जब जिलाधिकारी को सूचना मीडिया कर्मी के द्वारा तुरंत दी गई तो उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ड्यूटी पर से नदारद रहने वाले सभी स्वास्थ्य कर्मी पर सख्त कार्रवाई होगी।

सिमरिया कल्पवास मेला में तैनात किए गए अस्थायी स्वास्थ्य शिविर से डॉक्टर और नर्स सभी के सभी शाम में गायब मिले

कल्पवास मेला में कल्पवास करने वाले श्रद्धालुओं को प्रकाश की सुविधाएं भी विल्कुल नदारद

सिमरिया धाम में राजकीय कल्पवास मेला में कल्पवास करने के लिए गंगा तट पर पर्ण़कुटीर बनाकर रह रहे श्रद्धालुओं को अंधेरे में रहकर रात्रि बिताना पड़ रहा है ।जब शुक्रवार की देर शाम 7 बजे से लेकर 9:00 बजे रात्रि तक घूम कर मीडिया कर्मी ने सिमरिया कल्पवास मेला को देखा तो अंधेरा में श्रद्धालुओं को रहना पड़ रहा है । सिर्फ पुल के निकट स्नान घाट के पास मात्र 3 से 4 ट्यूब लाइट जल रहे थे।बाकी अन्य स्नान घाट या वाच टावर के पास एक भी लाइट नहीं जल रहा था। अंधेरे में स्नान घाट पर कल्पवासी को स्नान करने के लिए आना पर रहा है ।

सूचना केंद्र कार्यालय से पूरब रह रहे पर्णकुटी बनाकर कल्प वासियों को अंधेरा में रात गुजारना पड़ रहा है ।1500 ट्यूब लाइट कल्पवास मेला में लगाने का दावा तथा 60 हैलोजन के द्वारा प्रकाश की व्यवस्था रात्रि में करने का सब झूठा साबित हो रहा है । प्रकाश की जिम्मेदारी लेने वाले कल्पवास मेला के संवेदक जिला प्रशासन को झूठ बोलकर ठग रहे हैं ।वहीं पेयजल के साथ-साथ शौचालय की भी उत्तम व्यवस्था अभी तक नहीं हुआ है। जिससे कल्प वासियों को यत्र तक मल मूत्र को त्याग करना पर रहा है ।वहीं सूचना केंद्र में तैनात पदाधिकारियों ने कहा कि हम लोगों को भी पानी पीने के लिए परेशान होना पड़ रहा है ।

पानी की व्यवस्था यहां पर नहीं है। जबकि जिला अधिकारी अरविंद कुमार ने पिछले दिनों सिमरिया घाट पर पहुंचकर स्नान घाट ,अ स्थाई स्वास्थ्य शिविर खालसा शिविर ,समेत सभी जगह पर प्रकाश , शौचालय की उत्तम व्यवस्था कल्प वासियों को कराने का भरोसा औचक निरीक्षण करने के बाद जिलाधिकारी ने दियां था। लेकिन उस व्यवस्था में कोई सुधार ठीक से अभी तक नहीं दिख रहा है ।पर्णकुटीर बनाकर रह रहे कल्पवासियों को प्रकाश नहीं रहने के कारण रतजग्गा उन्हें करना पड़ रहा है ।सिर्फ गंगा तट के पूरब बने मेन रास्ते में ट्यूबलाइट लगाया गया है ।

उसकी भी इतनी कम रोशनी है कि एक सुई गिर जाने के बाद भी नीचे से उठाना मुश्किल होगा। एनएच रोड से नीचे उतरने के बाद घाट तक आने वाले रोड में श्रद्धालु को रात्रि में पूरे अंधेरा में घाट तक आना पड़ रहा है ।जो श्रद्धालु देर रात्रि में सिमरिया धाम ट्रेन अथवा बस से आते हैं। उन्हें अंधेरे के रास्ते में घाट तक पहुंचने में डर लग रहा है ।जिससे कल्प वासियों को काफी परेशानी हो रही है । इस वर्ष प्रकाश के अलावे पेयजल शौचालय की उत्तम व्यवस्था कल्पवास मेला का 6 दिन बीत जाने के बाद भी नहीं अभीतक कराया गया है। जिससे कल्प वासियों में काफी दुख और गुस्सा जिलाप्रशासन के प्रति देखा जा रहा है।