छठ पर डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य, नीतीश ने दीं शुभकामनाएं

पटना। बिहार की राजधानी पटना में शनिवार को छठ पर्व पर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिली। लाखों लोग यहां गंगा किनारे बने घाटों पर पहुंचे और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शहर के पश्चिमी छोर दानापुर से स्टीमर में सवार हुए और विभिन्न घाटों से गुजरते हुए छठ व्रतियों को शुभकामनाएं देने की अपनी पुरानी परंपरा इस बार भी दोहराई।

पटना शहर में गंगा नदी की ओर जाने वाली हर सड़क पर श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ रही। युवा से लेकर बुजुर्ग, पुरुष एवं महिलाएं कठिन व्रत के बीच नंगे पांव घाटों की ओर जाती दिखीं। श्रद्धालुओं ने सिर पर प्रसाद से भरी बांस की टोकरियां ली हुई थीं। छठ पर्व पर चढ़ने वाले प्रसाद में गन्ना, ठेकुआ के अलावा केला और अन्य मौसमी फल होते हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शहर के पश्चिमी छोर दानापुर से स्टीमर में सवार हुए और विभिन्न घाटों से गुजरते हुए छठ व्रतियों को शुभकामनाएं देने की अपनी पुरानी परंपरा इस बार भी दोहराई। कुमार ने स्टीमर पर रवाना होने से पहले अपने आधिकारिक आवास 1, अणे मार्ग पर अपने परिजनों के साथ छठ मनाया और घुटने तक पानी में खड़े होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया।

स्टीमर पर मुख्यमंत्री कुमार के साथ स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के अलावा राज्य मंत्रिमंडल के कई वरिष्ठ सदस्य एवं प्रशांत किशोर भी मौजूद थे। प्रशांत किशोर कुमार की अध्यक्षता वाली जदयू के उपाध्यक्ष भी हैं। स्टीमर पर सवार गणमान्य लोगों ने घाट पर मौजूद श्रद्धालुओं की ओर हाथ हिलाया। इस पर श्रद्धालुओं ने छठी मैया की जय के उद्घोष किए।

गंगा तट पर बने घाटों तक पैदल चलने में असमर्थ लोगों ने अपने आसपास स्थित पार्कों और जलाशयों के किनारे बने घाटों पर पूजा की। कुछ बुजुर्गों ने अपने घर की छत पर ही पानी भरे टब में खड़े होकर छठ पूजा की। इस अवसर पूरा माहौल छठ के पारंपरिक गीतों और भजनों से गूंजायमान था। श्रद्धालु महिलाएं छठ पर गाए जाने वाले पारंपरिक गीत गा रही थीं।

इस मौके पर घाटों पर बड़े-बड़े स्पीकरों पर शारदा सिन्हा और मनोज तिवारी जैसे जानेमाने गायकों के गीत भी बज रहे थे। छठ पर्व दीपावली के बाद छठे दिन मनाया जाता है। मुस्लिम महिलाओं के भी छठव्रती बनने और हिंदू पड़ोसियों के साथ मिलकर इस पर्व को मनाने की दिल को छू लेने वाली कई कहानियां आम हैं।

ऐसी ही एक घटना बेगूसराय में देखने को मिली जहां जमीला खातून पिछले 12 वर्षों से छठ व्रत कर रही हैं। उन्होंने पीली साड़ी पहनी थी और सिर पर पीला सिंदूर लगाया था। वह अपने परिवार की गरीबी दूर करने और समृद्धि लाने के साथ ही परिवार के सदस्यों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए यह व्रत करती हैं।