कोरोना काल में बिहार की स्वास्थ्य सेवा की सारी सच्चाई सामने आ गई थी। कहीं समय पर मरीजों का एंबुलेंस नहीं मिल रहा था तो कहीं इलाज नहीं मिल पा रहा था। अक्सर मुसीबतों में कुछ लोग टूट जाते हैं तो वहीं कुछ लोग उस बुरे और कमजोर क्षण से काफी क्षमतावान होकर निकलते हैं और फिर ना सिर्फ खुद के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए कुछ करके एक मिसाल बन जाते हैं।ऐसे ही कुछ तीन दोस्तों के साथ हुआ।जिन्हें स्थिति की मार ने एक स्टार्ट अप शुरू करने की प्रेरणा दी ।यह स्टार्टअप स्वास्थ्य के क्षेत्र में पटना में शुरू किया गया है। जिसे धीरे-धीरे पूरे बिहार में फैला दिया जाएगा।
पटना के 120 अस्पताल इस मेडिकल स्टार्ट अप से जोड़े जा चुके हैं वर्तमान में जोमैटो ,रैपीडो ,स्वैगी, ओला जैसे कई सारे स्टार्ट अप बिजनेस काफी अच्छा काम कर रहे हैं। इसी तर्ज पर अब तीन दोस्तों ने मिलकर एक ऐसा स्टार्ट अप तैयार किया है ।जिससे एक कॉल से मरीजों को घर से अस्पताल तक पहुंचाया जाएगा। साथ ही इलाज के बाद घर भी पहुंचा दिया जाएगा। मेडिकल टूरिज्म प्लेटफार्म के मेडीलाइफ इजी ऐप पर कंट्रोल रूम 24 घंटे एक्टिव रहेगी। इसके एंबुलेंस को नो प्रॉफिट नो लॉस कंसेप्ट पर चलाया जाएगा। वर्तमान में पटना के 120 अस्पतालों को इससे जोड़ा गया है। मरीजों को बीमारी और स्थिति के हिसाब से बेहतर स्थान में न सिर्फ इलाज कराया जाएगा बल्कि अस्पताल से घर तक पहुंचाने के लिए फॉलोअप भी किया जाएगा। टोल फ्री नंबर के माध्यम से एक कॉल पर कम से कम समय में हॉस्पिटल पहुंचाने और इलाज मिलने तक वॉलिंटियर्स भी एक्टिव मोड पर काम करेंगे।
बेगूसराय के डॉक्टर अजित सिन्हा को इस स्टार्टअप का श्रेय दिया जा रहा है बेगूसराय की रहने वाली चंचला कुमारी जिन्होंने शिक्षा में तो बी ऐड कर रखा है।लेकिन प्रोफेशन में शिक्षा का क्षेत्र ना चुनकर समाजसेवा चुना, क्योंकि वह कुछ अलग करने का जज्बा रखती है। इनके साथ ही समस्तीपुर के अनीस मेडिकल सेक्टर से जुड़कर प्राइवेट कंपनी में कार्यरत और पटना के डॉक्टर विवेक कुमार इन तीन दोस्तों ने कुछ अलग करने की इच्छा से से स्टार्ट अप को शुरू किया और कोरोना फेज में हुई स्थिति ने इनकी इच्छा को और ज्यादा जागृत कर दिया। तथा सब ने मिलकर मेड लाइफ इजी मेडिकल फैसिलिटी एक नई तरह से सोशल सर्विस की शुरूआत कर दी।स्टार्टअप के विवेक ने इसकी शुरुआत का श्रेय बेगूसराय के डॉक्टर अजीत सिन्हा को दिया है।
23 मई से वेबसाइट पर कार्य शुरू,जल्द ही एप भी लांच हो जाएगा अक्सर ऐसा देखा जाता है कि मरीज व उनके परिजन जानकारी के अभाव में या फिर दलालों के चक्कर में सही इलाज नहीं पा पाते हैं। लेकिन पैसा पानी की तरह बहा देते हैं। अब ऐसा नहीं होगा। यह स्टार्ट अप बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी क्रांति लाएगी। स्टार्टअप शुरू करने वाले तीनों दोस्तों के अनुसार 23 मई से ही काम शुरू हो जाएगा। वेबसाइट बन चुकी है तथा मोबाइल एप भी जल्दी बन जाएगा। फिर टोल फ्री नंबर चालू कर दिया जाएगा। इस सुविधा से लोगों को अवगत कराने वास्ते जगह-जगह पर अवेयरनेस प्रोग्राम भी किए जाएंगे ताकि जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके और वह इसका लाभ ले सके।