बिहार : कई खट्टे-मीठे छाप छोड़ता हुआ 2019 समाप्त हो गया। लेकिन 365 दिन के इस साल के 334 दिन में बिहार में 2910 लोगों की हत्या हो गई। जनवरी से नवम्बर तक का यह सरकारी आंकड़ा है। बिहार के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जितेन्द्र कुमार द्वारा जारी वार्षिक लेखा-जोखा के अनुसार इस साल बिहार में दो लाख 49205 संज्ञेय अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं। जिसमें हत्या के 2910, डकैती के 354, लूट के 2193, गृहभेदन के 4289, चोरी के 32146, दंगा के 6796, अपहरण के 10149, फिरौती हेतु अपहरण के 42, बलात्कार के 1375, रोड डकैती के 153, रोड लूट के 1890, बैंक डकैती के नौ एवं बैंक लूट के चार कांड प्रतिवेदित हुए है।
229386 अपराधी/ वांछित अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। 5726 अतिसक्रिय अपराधियों, 377 उग्रवादियों तथा फिरौती हेतु अपहरण मामले के 47 अभियुक्त गिरफ्तार किए गए। 14 पुलिस मुठभेड़ में दस अपराधी और उग्रवादी मारे गए। 3126 अवैध हथियार और 15795 गोली बरामद किए गए। 72 मिनी गन फैक्टरी का उद्भेदन किया गया। नौ करोड़ 24 लाख 95800 भारतीय रुपया के अलावे विदेशी मुद्रा भी बरामद किया गया। 36.71 किलो सोना, 73.49 किलो चांदी एवं 19 लाख 31200 का जाली नोट भी बरामद किया गया।
कुछ महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील काण्डों बेगूसराय जिला में सोना लूट कांड, पंचवटी ज्वेलर्स पटना लूट कांड, वैशाली एवं मुजफकरपुर जिला के मुथुट सोना लूट कांड का उद्भेदन, सोना की बरामदगी तथा अपराधियों की गिरफ्तारी महत्वपूर्ण रहा। 2019 में कुल 5228 अपराधियों को त्वरित विचारण के अन्तर्गत न्यायालय द्वारा सजा दी गई है। जिसमें से हत्या के 1460, बलात्कार के 184, डकैती के 46, दहेज अधिनियम के 332, फिरौती हेतु अपहरण के 18 अपराधकर्मी शामिल हैं। इनमें से 08 को फांसी, 1437 को आजीवन कारावास, 592 को दस वर्ष से अधिक की सजा दी गई है। 28 लाख 85492 लीटर शराब की बरामदगी और 8377 लोग गिरफ्तार किया गया है। जिसमें 232 अभियुक्तों को न्यायालय द्वारा दी गई है।
मद्यनिषेध कानून को पूर्णतया लागू नहीं करने एवं उसमें शामिल रहने वाले 84 पुलिसकर्मियों पर अनुशासनिक कार्रवाई की गई है। 20 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया गया, 44 पुलिसकर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज किया गया है एवं 10 थानाध्यक्ष को अगले 10 वर्ष के लिए थानाच्यक्ष के पद पर नियुक्ति से वंचित कर दिया गया है। राज्य के 44 जिला (रेल सहित) के विधि-व्यवस्था का पृथक्करण 15 अगरत, 2019 से पूर्ण रूपेण लागू कर दिया गया।
सभी थाना और सहायक थाना में अपर थानाध्यक्ष (अनुसंधान) एवं अपर थानाध्यक्ष (विधि-व्यवस्था) का पदस्थापन किया गया। राज्य के 2643 गश्ती एवं अन्य वाहनों में गश्ती व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस से लैस किया गया है। राज्य के 548 थाना और ओपी में बंद पड़े बेसिक दूरभाष को क्रियाशील किया गया है। सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए पुलिस महानिरीक्षक (यातायात एवं विधि-व्यवस्था) सहित उनके कार्यालय हेतु कुल 34 पदों के सृजन का प्रस्ताव है।
पुलिस संगठन के आधारभूत संरचना के सुदृढ़ीकरण हेतु आवश्यक संसाधन एवं स्मार्ट पुलिसिंग के तहत पुलिस मुख्यालय स्तर से सामानों, वाहनों, हथियारों का क्रय किया गया है। 2019 में कुल 38 भूमिहीन थाना एवं 31 ओपी के लिए जमीन उपलब्ध हो गया है। शेेष 150 थाना और 91 ओपी में से 44 थाना एवं 26 ओपी की भूमि चिन्हित कर लिया गया है।
अपराध नियंत्रण एवं विधि व्यवस्था संधारण हेतु राज्य के पुलिसकर्मियों के साहसिक कार्यों एवं मनोबल को ऊँचा बनाए रखने के लिए विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र पशु मेला में रिवार्ड फंक्शन एवं पुलिस मुख्यालय स्तर पर पुरस्कार कार्यकम का आयोजन किया गया। जबकि गणतंत्र दिवस एवं स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्य के 31 पुलिस पदाधिकारियों, कर्मियों को केन्द्र सरकार द्वारा सराहनीय, विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।