बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से 60 CM पार बह रही है, कई जगह तटबन्ध में दरार से सहमे ग्रामीण

डेस्क : अब बेगूसराय के लोग बाढ़ को लेकर सहमे हुए हैं।विगत रविवार से हो रहे मुसलाधार बारिश जिसके कारण बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे का लाल निशान पार कर गया है। गहरा रेनकट, जानवरों का खोह अभी बंद नहीं किया तो यही तबाही का कारण भी बन सकता है।

तटबंध की सुरक्षा को लेकर खासा इंतजाम दिखाई नहीं पर रहे हैं जहां तहां तटबंध में दरार पर गया है। अरुण कुमार, शशांक कुशवाहा, जीतू कुमार यादव, अनिल झा आदि तटबंध किनारे बसे लोगों का कहना है कि मंझौल अनुमंडल से गुजरने वाली नदी के बाएं तटबंध के दौलतपुर, नुरुल्लाहपुर, बेगमपुर, बाड़ा, मिर्जापुर, बरियारपुर पश्चिमी, बिदुलिया, गोपालपुर, आकोपुर गांव के एसएच 55 किनारे, भैरव स्थान आकोपुर, बसही, पबरा से सिउरी गांव तक बांध की स्थिति खतरनाक है।

इसको लेकर अभी तक चौकसी नहीं दिखाई पर रही है। जानकारी अनुसार पहले गैंग कुली के पास तटबंध के रख-रखाव की जिम्मेदारी होती थी, जो हमेशा अपने साथ छिट्टा कुदाल लेकर तटबंध पर सालों भर घूमते थे और जंगल साफ करने के अलावा रेनकट, सुराख को भी बंद करते थे। परंतु इनकी जगह अब डंडाधारी होमगार्ड को बाढ़ के समय तटबंध पर तैनात किया जाता है, जो कहीं दिखाई नहीं देते हैं। इन्हें बांध की सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं होता है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, रोसड़ा द्वारा बताया गया कि मंगलवार को नदी खतरे के निशान 42.63 मीटर से ऊपर 43.24 मीटर पर बह रही है। तय मानक के अनुसार सभी सुरक्षात्मक कार्य हो रहे हैं।