बेगूसराय में लगती है नाव की मंडी, विदेशों से भी आते हैं खरीददार, जानें – एक नाव की कीमत ?

डेस्क : देश में कई तरह की मंडियां है और कई तरह के बाजार भी जहां हर प्रकार की सामग्री मिलती है। लेकिन क्या आपको पता है बिहार (Bihar) के बेगूसराय (Begusarai) में एक ऐसी मंडी लगती है जहां भारत से सटे कई देश के व्यापारी यहां समान बेचने आते हैं। खासकर, नेपाल यहां आकर अपना बेचता है।

लगती है नाव की मंडी : भारत मे मानसून का मौसम शुरू होते ही बेगूसराय जिले के गढ़पुरा में नाव की मंडी लग जाती है जिसकी वजह से ग्राहकों को काफी फायदा पहुंचता है। वैसे तो नाव तो आप कही से भी खरीद सकते है। लेकिन, गढ़पुरा की नाव सब पर भारी है क्योंकि इसकी मजबूती सबसे अलग होती है। ज्यादातर नाव जामुन की लकड़ियों के जरिये बनाई जाती है। इसका प्रमुख कारण है कि ये जल्दी खराब नही होती पानी मे भी अप्रैल महीने से काम शुरू होता है और महीने यह मंडियों तक पहुंच जाती है बिक्री के लिए. पतामी, एक पटिया, तीन पटिया सहित हर प्रकार की छोटी और बड़ी नाव यहां बनाई जाती है। नाव बनाने के लिए अच्छे बढ़ई को रखा जाता है और ज्यादातर काम वही करता है।

नाव की कीमत : एक पटिया नाव की कीमत तकरीबन 15 हजार रुपये होती है तो वही पतामी नाव की कीमत 20 हजार रुपये है और 13 हाथ की पतामी नाव 24 से 25 हजार रुपये के बीच मे होती है। फिलहाल तो महंगाई के चलते बिक्री में काफी गिरावट देखने को मिली है। आपको ये भी बता दे कि यहां 24 घंटे नाव बनाने का काम चालू रहता है।