न्यूज डेस्क : बेगूसराय में जल श्रमिक संघ की बैठक नावकोठी प्रखण्ड के हसनपुर बागर में आयोजित हुई।अध्यक्षता अकिल देव सहनी ने की ।महासचिव राम बालक सहनी ने कहा किभारत सरकार एवं बिहार सरकार जल जीवन हरियाली योजना के तहत जल संरक्षित करने के अभियान में करोड़ों रुपये प्रतिवर्ष खर्च कर रही है किन्तु जिले ही नहीं एशिया प्रसिद्ध कावर झील के अलावा,बलान,नदी,बैंती,मुर्दा नाला व अन्य जलकरों से विगत दो महीना से नहर व स्लुईश गेट के माध्यम से बूढ़ी गंडक नदी में जल गिराया जा रहा है।
इन जलकरों से पानी निकल जाने पर मछुआरों के समक्ष रोटी की समस्या तो होगी ही साथ ही जल जीवन हरियाली योजना की सफलता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है। उन्होंने टीमें गठित कर जांच की मांग। उन्होंने जिला पदाधिकारी बेगूसराय,बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल बेगूसराय के कार्यपालक पदाधिकारी एवं लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर जल निकासी करवाने का आरोप लगाया। मछली पालन को कृषि का दर्जा है फिर भी मछुआरों के साथ बिहार सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। मछुआरों को सुखाड़ व बाढ़ में कोई क्षतिपूर्ति या मुआवजा नहीं दिया जा रहा है।
रोजगार के अभाव में मछुआरों का पलायन जारी है।जल निकासी के खिलाफ अप्रैल के अंतिम सप्ताह में मुख्य मंत्री के समक्ष धरना देने का आह्वान किया। मौके पर अनिरुद्ध सहनी,रामसुमिरन सहनी,राम सकल सहनी,मुन्नी लाल सहनी,विधाता,रमेश सहनी,राम उदय सहनी,चानो सहनी सहित अन्य प्रमुख लोग मौजूद थे।