न्यूज डेस्क : इस वक्त की एक बड़ी खबर दिल्ली से निकल कर सामने आ रही है । जहां कांग्रेस पार्टी ऑफिस के बाहर कन्हैया और राहुल गांधी के साथ लगे हुए पोस्टर और बैनर चीख चीख कर यह बता रहे हैं कि आज कॉमरेड कन्हैया कांग्रेस के हो जाएंगे । बताते चलें कि या खबर कोई ब्रेकिंग खबर तो नहीं है लेकिन आज से पहले इस पर खुलकर ना तो कन्हैया कुमार ने बातें की और ना ही उनके नजदीकी नेताओं ने इस पर मुहर लगाया कि कांग्रेस के हो जाएंगे । यहां तक कि वे जिस दल को अब छोड़ कर जा रहे हैं उस दल के नेताओं ने भी अंतिम समय तक कन्हैया को लेकर यह दंभ भरा की कन्हैया कुमार पार्टी में हैं और बने रहेंगे ।
दरअसल बीते 2 महीनों से देशभर के सियासी हलकों में यह चर्चा आम हो गई थी कि कन्हैया कुमार जल्दी कांग्रेस का दामन थाम लेंगे । इससे पहले वे कई बार राहुल गांधी से भी मुलाकात की है और साथ में राजनीतिक रणनीतिकार कहे जाने वाले प्रशांत किशोर भी मौजूद थे । 28 सितंबर का दिन पहले से तय था लेकिन इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं थी कि इसी दिन कन्हैया कुमार कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करेंगे यह इंतजार अब खत्म हो गया है। मंगलवार को कन्हैया कुमार कांग्रेस पार्टी की सदस्यता लेंगे। इस मौके पर राहुल गांधी की मौजूदगी के भी आसार है । वहीं दूसरी तरफ बेगूसराय में कन्हैया के पैतृक गांव बीहट में अभी लोगों को यह विश्वास नहीं हो रहा है कि कन्हैया कम्युनिस्ट विचारधारा छोड़कर अब कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर लेंगे । मालूम हो कि बीहट वह धरती है जिसको लेनिनग्राद कहा जाता है और बेगूसराय को देश भर में मिनी मॉस्को कहा जाता है। कन्हैया इसी धरती से उठकर जेएनयू तक पहुंचे और जेएनयू के छात्र संघ अध्यक्ष बनकर लाल सलाम का नारा पूरे देश में घूम-घूम कर उस वक्त बुलंद किया जब लाल सलाम का नारा बोलने वालों की तादाद काफी कम हो रही थी।
उन्होंने देश में एक नई क्रांति को जन्म दिया । कन्हैया कुमार ने इसके बाद 2019 में बेगूसराय से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा लेकिन यहां पर बीजेपी के गिरिराज सिंह से वह मात खा गए । जिसके बाद से लगातार वह राजनीति के गलियारों में फ्रंट फुट पर नजर नहीं आए और बैकफुट से उन्होंने बल्लेबाजी जारी रखा । अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में कन्हैया कुमार कौन सा रुख अख्तियार करते हैं।