डेस्क : कोरोना काल के चलते इन दोनों पूरा देश आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। सबसे बुरा प्रभाव दिहारी मजदूर पर रहा है। जो किसी तरह छिटपुट पर काम करके अपने परिवार का गुजर-बसर करते थे। 2020 के लाॅक डॉन का मंजर सही से मिटा नहीं की फिर से लॉक डॉन जैसी नौबत आ गई।
आपको बता दें कि देश के अनेक राज्यों में कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन जैसे हालात को देखते हुए बिहार में प्रवासी कामगारों की संख्या आने वाले कुछ दिनों में तेजी से बढ़ने के आसार बढ़ गये हैं। इस बार कोई मजदूर रोजगार से दूर ना हो। इस बात को लेकर बिहार सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। दरअसल, श्रम संसाधन विभाग के मंत्री जिवेश कुमार ने शुक्रवार को विभागीय बैठक में कहा है कि कोरोना में दूसरे राज्यों से घर लौट रहे श्रमिकों के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से तैयार है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों के लिए रोजगार का बंदोबस्त करने की कवायद शुरू कर दी गयी है। ग्रामीण विकास विभाग में मनरेगा के अंतर्गत पौधारोपण समेत अन्य सभी तरह के कार्य शामिल हैं। इन कार्यों के जरिये रोजाना मजदूरी का बंदोबस्त हो सकेगा। साथ ही इसमें हुनरमंद कामगारों के लिए भी रोजगार की समुचित व्यवस्था करने की रूपरेखा तैयार की गयी है।
सरकार ने टोल फ्री नंबर जारी किया.. बिहार श्रम संसाधन विभाग ने प्रवासी श्रमिकों के लिए एक टॉल फ्री नंबर भी जारी कर दिया है। प्रवासी मजदूर 18003456138 टॉल फ्री नंबर पर कॉल कर अधिकारी व कर्मियों से अपने रोजगार सहित अन्य मसलों से जुड़े सवाल पूछ सकेंगे। मजदूरों की सहायता के लिए विभाग ने 30 अप्रैल तक का ड्यूटी रोस्टर जारी किया है। इसमें सभी अधिकारियों के काम को बांटा गया है। यह नंबर 24 घंटे काम करेगा। इस पर बिहार आने वाले श्रमिकों को पूरी जानकारी दी जाएगी और रोजगार व अन्य जरूरतों में उनका सहयोग किया जाएगा।
श्रमिक मजदूरी के लिए ये है सरकार का प्लान.. श्रम विभाग के मंत्री ने बताया प्रवासी मजदूर भवन निर्माण से जुड़े कामगार अपना निबंधन करा सकते हैं। इसमें राज मिस्त्री, मजदूर, इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर आदि हैं। श्रम संसाधन विभाग भवन निर्माण कामगारों को कपड़ा और स्वास्थ्य मद में सालाना 5500 रुपए देता है। साथ ही कामगारों को औजार खरीदने के लिए भी सहायता दी जाती है। साथ ही बच्चों की पढ़ाई, श्रमिकों की मौत या अपंगता आदि में भी सरकार की ओर से सहायता दी जाती है। अधिकारियों ने बताया प्रवासी दुर्घटना बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना में किसी प्रवासी की मौत होने पर एक लाख की सहायता दी जाती है, जबकि अपंगता पर 75 हजार रुपये तक सरकार सहायता देती है। बिहार लौटे प्रवासी कामगारों को सरकार की योजनाओं से जोड़ने के लिए श्रम संसाधन विभाग ने वर्ष 2020 में एक पोर्टल विकसित किया था। दोबारा इसी पोर्टल के माध्यम से निबंधन किया जाएगा।