बड़ा फैसला : बिहार में मास्क लगाना हुआ अनिवार्य, उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई

डेस्क : बिहार में कोरोना के बढ़ते मामले के साथ वैश्विक महामारी के इस लड़ाई को धारदार बनाये जाने की भी कवायद जारी है। आपको बता दें गुरुवार के देर शाम बिहार सरकार के द्वारा लिया गया एक बड़ा फैसला आया है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने पत्र जारी करते हुए बताया है कि बिहार के अंदर घर से निकलने समय मास्क लगा कर निकलना अनिवार्य कर दिया गया है। मास्क के जगह पर गमछा से भी नांक ढंका जा सकता है।

पत्र में दी गयी जानकरी के अनुसार नोवल कोरोना वायरस की आपदा के समय सरकार स्तर से इसकी रोकथाम एवं उपचार हेतु अथक कार्य किये जा रहे हैं तथापि प्रायः प्रतिदिन कोरोना संक्रमण के नए पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं। बता दें कि उक्त पत्र में लिखा गया है कि प्रायः यह देखने में आ रहा है कि कई लोग इस संक्रमण काल में भी बिना मास्क लगाए ही घरों से बाहर निकलते हैं। इस स्थिति में न केवल वे स्वयं संक्रमित हो सकते हैं बल्कि अपने आसपास के लोगों में भी संक्रमण फैला सकते हैं।

उक्त संक्रमण रोकने को लेकर आदेश दिया जाता है कि कोरोना वायरस के वर्तमान संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए घर से बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग अनिवार्य रुप से किया जायेगा, आपको बता दें कि इस आदेश की अवहेलना करने बाले व्यक्ति को दण्डित भी किया जायेगा। उक्त बाबत आमजनों, फल बेचने वाले, सब्जी बेचने वाले, सफाई कर्मी, किराना दुकानदार, सुधा डेयरी, दवा के दुकानदार एवं वहां के कर्मी तथा साथ ही उन दुकानों में आवश्यक सामग्रियों के क्रय करने हेतु जाने वाले सभी व्यक्तियों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य है।

कौन कौन से मास्क लगाये जा सकते हैं जानें पूरी बात : विदित हो कि N-95 मास्क के अतिरिक्त सामान्य दोहरे कपड़े से घर में सिले हुए, जीविका समूहों एवं अन्य समरुप समूहों द्वारा तैयार किए गए मास्क भी संक्रमण को रोकने के लिए काफी कारगर हैं यहां यह भी स्पष्ट किया जाता है कि N-95 मास्क COVID 19 की जाँच एवं चिकित्सा में संलग्न चिकित्सा पदाधिकारी एवं कर्मियों के लिए आवश्यक है। शेष पदाधिकारी, कर्मचारी एवं आम नागरिकों के लिए three ply मास्क अथवा कपड़े के double layered मास्क काफी उपयोगी है कपड़े से बने मास्क की सफाई कर उसे पुनः उपयोग में लाया जा सकता है।

उक्त आदेश के पालन हेतु इन अधिकारियों को भेजा गया है चिठ्ठी सभी जिला पदाधिकारी, सभी वरीय आरक्षी अधीक्षक/ आरक्षी अधीक्षक एवं सभी सिविल सर्जन को अपने जिले में इस आदेश का अक्षरशः अनुपालन कराने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।