सावधान : पंचायत चुनाव से पहले मेडिकल कैम्प के नाम पर बंट रहा है इसी महीने एक्सपायर होने बाली दवा !

न्यूज डेस्क , बेगूसराय : पंचायत चुनाव की आहट सुनकर जनप्रतिनिधियों की बेचैनी बढ़ गयी है। वे जनता को रिझाने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। बीते दिनों होली में रसमलाई और पुआ बाटने का सिलसिला थमा ही था । कि एक बार फिर हफ्ते भर के अंदर ही नये नये कार्यक्रम शुरू हो चुके हैं। जिले भर के अलग अलग प्रखंडों के अलग अलग पंचायतों में विभिन्न आयोजन किये जा रहे हैं। लेकिन अधिकांश जगहों पर बढ़ते हुए कोरोना प्रकोप के बाद भी बिना मास्क और सेनेटाइजर के ही भीड़ जुटाई जा रही है।

इसी कड़ी में जिले के चेरिया बरियारपुर प्रखण्ड क्षेत्र के मेहदाशाहपुर ग्राम पंचायत की वर्तमान मुखिया रिंकू देवी के यहां रविवार को निःशुल्क मेडिकल केम्प आयोजित किया गया । इस मेडिकल कैम्प में बेगूसराय के कई चिकित्सक मौजूद थे । इस शिविर में निःशुल्क दवा भी वितरित हुआ । जिसके बाद से ग्रामीणों के द्वारा सोशल मीडिया पर चुनावी स्टंट से जोड़कर टिप्पणी की जा रही है। मसलन ग्रामीणों ने भी दिलखोर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। कई लोगों ने कहा कि नए हॉस्पिटल के प्रचार प्रसार के लिए भोली भाली जनता को टारगेट बनाया जा रहा है। तो कई लोगों ने कहा कि यह मुखिया चूनाव से पहले का यह चुनावी स्टंट है।

एक यूजर ने दवाई की फ़ोटो पोस्ट करते हुए लिखा है कि इस तरह की फ्री दवाई के बदले जहर देना बहुत ही गलत बात है और गांव का प्रधान अगर इस तरह से करें तो तो बाकी लोग क्या करेंगे जिन्होंने भी यह आवाज उठाई है बहुत ही अच्छी बात है और वह सबसे पहले सभी लोगों की दवाई चेक करके अप्रैल महीने में जो एक्सपायर हो चुकी है क्योंकि मेडिसिन पर साफ दिख रहा है कि अप्रैल मंथ उसका एक्सपायरी डेट है यानी कि अप्रैल में उसे एक्सपायर्ड ही माना जाएगा । वह दवाई लेकर हटा दें

इस पर कमेंट करते हुए यूजर ने यह लिखा कुछ नए डॉक्टर के क्लीनिक को बढ़ावा देने के लिए कमिशन खोड़ी कर गांव के भोले भाले व्यक्ति को ईलाज कर ठीक करने के वजाय बीमार करने की तैयारी में जुटे प्रधान जी ।

वहीं एक दूसरे यूजर ने यह लिखा अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता हमारे पंचायत के यह प्रधान जी का नीति है वह अपने कुर्सी बचाने के लिए सभी हदें पार कर जय श्री राम भगवान बचाएं पंचायत को .

ग्रामीणों का कहना है कि दवाई को लेकर पंचायत की जनता को सचेत रहना होगा । ताकि अप्रैल माह तक ही दवाई का उपयोग करें। रसमलाई तो ठीक है लेकिन ऐसे दवाई से बचना चहिये । नहीं तो पता चलेगा चुनाव के समय तक वोट डालने की स्थिति में रहे या नहीं ।