न्यूज डेस्क : कोरोना वायरस भारत में पिछले साल की अपेक्षा इस साल ज्यादा मारक साबित हो रहा है। बिहार भी इस चपेट में बुरी तरीके से आ चुका है। बेगूसराय जिला भी बिहार के अंदर हॉटस्पॉट जॉन बना हुआ है। कोरोना के दूसरे लहर में यहां अब तक दर्जन भर से ज्यादा जानें जा चुकी हैं। बेगूसराय जिला प्रशासन के तरफ से कोरोनावायरस से आमजन को बचाने के लिए भागीरथ प्रयास किए जा रहे हैं। मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवेलप किया जा रहा है। निजी अस्पतालों का भी सहारा लिया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा जानें बचाई जा सके।
बेगूसराय जिला प्रशासन जिला वासियों को बचाने के लिए अलर्ट मोड पर काम कर रहा है। दूसरी तरफ धरती पर भगवान का रूप कहे जाने वाले चिकित्सक भी ज्यादा से ज्यादा जान बचाने के लिए अपनी जान हथेली पर रखकर कोविड पॉजिटिव मरीजों की जान बचाने में जुटे हुए हैं। परंतु इसी बेगूसराय जिले से निकलकर आया एक खबर काफी चौंकाने वाला है। जहां एक मरीज के परिजनों का आरोप है कि बेगूसराय के पोखरिया स्थित अनन्या नर्सिंग होम में करीब 10 दिनों से भर्ती रखे गए पेशेंट की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती चली गई। इस दौरान इलाज के नाम पर करीब 30 से ₹40000 तक प्रतिदिन वसूला गया। आरोप लगाते हुए मरीज के परिजनों में कहा कि हालांकि इलाज के दौरान इतना खर्च होने की बात ज्यादा गंभीर प्रतीत नहीं होता । हैरानी तब हुई जब पेशेंट की हालात ठीक होने के बजाय बिगड़ता चला गया तब उसके बाद अपने मरीज को लेकर इलाज करवाने के लिए बेगूसराय के कई अस्पतालों का चक्कर लगाया।
जहां भी जाते वहां मरीज के भर्ती होने से पहले पुराने जगह इलाजरत रहे पुर्जा की डिमांड की जाती रही । परंतु जब मरीज के परिजनों के द्वारा अस्पताल प्रबंधन से इलाज किए गए पुर्जा और बिल की डिमांड की गई तो अस्पताल प्रबंधन ने इसे देने से इंकार दिया । रविवार पूरे दिन अस्पतालों के दर दर की ठोकर खाते रहे तब जाकर शाम को एक निजी अस्पताल में मरीज का भर्ती संभव हो पाया। ऐसे में अब बड़ा सवाल यह उठता है की जहां एक तरफ मानवता को बचाने के लिए जंग लड़ा जा रहा है वहीं दूसरी तरफ इलाज के नाम पर मरीजों से पैसा ऐंठने का आरोप अस्पताल पर लग रहा है, यह कहां तक जायज है। वस्तुतः सवाल यह है कि किस चीज का इलाज किया गया इस बात की पक्की जानकारी परिजनों को अबतक नहीं है और न ही अस्पताल प्रबंधन के द्वारा परिजनों को दिया जा रहा है।
क्या बोले डॉक्टर : वहीं इस मामले पर उक्त अस्पताल के चिकित्सक डॉ सम्वर्त कुमार ने कहा कि किसी भी प्रकार का गलत चार्ज नहीं लिया गया है। जो भी चार्ज लगा है वह दवा , बेड और ऑक्सीजन का चार्ज लिया गया है।