डेस्क : बेगूसराय बिहार का एक खूबसूरत शहर है। राष्ट्र कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की यह जन्मस्थली है। बेगूसराय को बिहार की औद्योगिक राजधानी भी कहा जाता है। ऐसे में पर्यटन के लिहाज से भी यह शहर बेहद अहम है, क्योंकि यहां सैलानियों के घूमने के लिए कई जगहें मौजूद हैं। यहां के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक जयमंगला गढ़ जो कि देश के प्रमुख शक्तिपीठों में शुमार है। ऐसे में अब जल्द ही इस पर्यटन स्थल के दिन बहुरने वाले हैं।
जी हां..स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री. किशन रेड्डी को पत्र लिखकर जयमंगलागढ़ और सिमरिया गंगा घाट को प्रसाद’ (PRASHAD) योजना के तहत जोड़ने की बात कही है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि देशभर में पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण सभी प्रमुख स्थलों को विकास एवं विस्तार हेतु पर्यटन मंत्रालय द्वारा ‘प्रसाद’ (PRASHAD) योजना की शुरुआत की गई है।
पत्र के माध्यम से गिरिराज सिंह ने कहा कि अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र अंतर्गत अवस्थित पौराणिक, आध्यात्मिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण तथा स्थानीय स्तर पर पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल जयमंगलागढ़ एवं सिमरिया घाट के विकास को लेकर केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी को पत्र लिखकर अवगत करवाया गया है। अब जल्द ही इस स्थल को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने हेतु यहाँ पर आमजनों की सुविधा के लिए पेयजल, शौचालय, साइनबोर्ड, विश्राम स्थल, CCTV, रोशनी, पाथ-वे, पार्किंग एवं इस प्रकार की अनेक सुविधा उपलब्ध की जाएगी।
अगर जयमंगलागढ़ तीर्थ स्थल की बात करे तो यह जिला मुख्यालय से लगभग 25 KM की दूरी पर मंझौल में अवस्थित है। यह 108 शक्तिपीठों में एक माता जयमंगला का मंदिर बेगूसराय और पड़ोसी जिलों के हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र है। जयमंगला को इष्टदेवता, कुलदेवता, ग्रामदेवता, स्थानदेवता का दर्जा प्राप्त है। वही पौराणिक कथाएं हैं कि वेदव्यास ने देवीभागवत के अध्याय 47 के पेज 578-580 में 37 स्तुति श्लोकों में भगवती मंगलचंडी की आराधना की है। माँ जयमंगला को शास्त्रों में दुर्गारूपिणी माना गया है।
बताते चलें की माता जयमंगला के दर्शन हेतु प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को हजारों की संख्या में लोग आते है तथा नवरात्रि एवं दशहरा के अवसर पर काफी बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं। जयमंगलागढ़ के महत्त्व के दृष्टिकोण से इसे माता सीता की जन्म स्थली सीतामढ़ी, जनकपुर धाम एवं उत्तरायणी माँ गंगा के तट पर अवस्थित सिमरिया घाट आदि धार्मिक स्थलों के साथ एक सर्किट के रूप में भी जोड़ा जा सकता है।
अब बात सिमरिया घाट की आती है। तो आपको बता दें कि यह जिला मुख्यालय से लगभग 19 KM की दूरी पर बिहट नगर परिषद क्षेत्र में स्थित है। मां गंगा के तट पर बसा यह स्थान पौराणिक, आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, जहां हर साल माघ मास में देश के विभिन्न हिस्सों से कल्पवास के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यह एकमात्र स्थान है जहां विशेष मान्यता में अर्ध कुंभ मेला आयोजित किया जाता है और यहां मां गंगा के तट पर छठ पूजा का आयोजन भी बड़े पैमाने पर किया जाता है।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस घाट पर अंतिम संस्कार करने का विशेष महत्व है, इस हेतु यहां दूर-दूर से लोग अपने परिजनों के अंतिम संस्कार व मोक्ष प्राप्ति हेतु आते हैं। अब जल्द ही यह पर माँ गंगा के तट पर सुन्दर सीढ़ीनुमा घाटों का निर्माण, घाट तक पहुचने के लिए एप्रोच रोड एवं प्रवेश द्वार, आमजनों की सुविधा के लिए चेंजिंग रूम, गंगा आरती, आम जनों की सुविधा के लिए पेयजल, शौचालय, साइनबोर्ड, विश्राम स्थल, CCTV, रोशनी, पाथ-वे, पार्किंग एवं इस प्रकार की अनेक सुविधाओं उपलब्ध की जायेगी।