बेगुसराय : सामाजिक कार्यकर्ता सन्तोष शर्मा के असामयिक निधन से मचा बवाल

बेगुसराय / डेस्क : जिले वीरपुर थाना के हाजत में मार्च के अंतिम दिनों में विक्रम पोद्दार की रहस्यमयी ढंग से मौत हो गई थी। पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बताई थी, तत्कालीन थानाध्यक्ष लाइन हाजिर भी हुए थे, अभी जांच चल रही है, लेकिन इसी मौत पर सवाल उठा कर सुर्खियों में आए जिले के नाबकोठी प्रखण्ड के छतौना निवासी समाजिक संगठन युवा ब्रिगेड के संयोजक संतोष शर्मा। लेकिन 17 अप्रैल को पटना में रहस्यमयी ढंग से उनकी भी मौत हो गई। विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक कार्यकर्ता ने उनकी मौत पर ख़ेद व्यक्त किया है। मामला राजनीतिक तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है सीपीआई नेता कन्हैया, भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर रावण, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सहित हजारों लोगों का ट्वीट आ चुका है, रविवार को ट्विटर पर आल इंडिया ट्रेंड भी चल था

विक्रम सन्तोस को न्याय दो

आइये जानते हैं कैसे गरमायी राजनीति : उक्त सामाजिक कार्यकर्ता के रहस्यमयी मौत के बाबत पर बेगुसराय भाकपा नेता अनिल कुमार अंजान ने डीजीपी बिहार को पत्र लिख नावकोठी पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस की मार से अंदरूनी चोट लगने की वजह से ही संतोष शर्मा की मौत हुई है। साथ ही उन्होंने मुआवजे की भी मांग की है।

बेगुसराय में क्या है चर्चा ? लॉकडाउन तोड़ने के मामले में नावकोठी पुलिस ने संतोष शर्मा को उसके गांव छतौना से गिरफ्तार किया था, और थाना न ले जाकर किसी और जगह पर उसकी तीन घंटे तक पिटाई की। हालत बिगड़ने पर परिजन उसे पटना ले गए जहाँ इलाज के क्रम में उनकी मौत हो गई। बता दें कि शव को बिना पोस्टमार्टम के ही परिजनों द्वारा जला दिया गया है। जिससे कई सवालिया निशान भी उठ रहे हैं। हालांकि पूरा मामला जांच का विषय है जांच खत्म होने से पहले सिर्फ कयास लगाये जा सकते हैं।

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