कोरोना संकट के बीच बेगुसराय भाजपा में राजनीतिक उठापठक फिर शुरू

डेस्क : इस वक्त की एक बड़ी खबर बेगुसराय में बीजेपी को लेकर आ रही है, जहां विधानसभा चुनाव से पहले ही केंद्र की सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी के अंदर सियासी उठापठक शुरू हो गया है, अगर आप सोच रहे होंगे कि टिकट बटवारा को लेकर कोई तालमेल बिगड़ रहा है तो ऐसा बिल्कुल नहीं है, दरअसल मामला बेगुसराय भाजपा के युवा मोर्चा से जुड़ा हुआ है, पिछले दिनों BJP जिलाध्यक्ष ने अपने टीम के अन्य मोर्चा के जिलाध्यक्षों के नाम घोषित किये थे, जिसमें युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष के रूप में संघ की पृष्ठभूमि से बीजेपी के राजनीति में एंट्री मारने बाले युवा नेता राममूर्ति चौधरी के नाम की घोषणा हुई थी।

लेकिन सोमवार की शाम को बिहार प्रदेश भाजपा के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दुर्गेश सिंह द्वारा बिहार के 35 जिलों के युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष के नामों पर मुहर लगी। जिसके बाद लिस्ट भी जारी कर दिया गया, लेकिन इसमें बेगुसराय और यहां के जिलाध्यक्ष के नाम की चर्चा नहीं है, अभी बेगुसराय सहित कुछ जिले के जिलाध्यक्षों के नाम घोषणा के लिये बांकी रखा गया है, सूत्र से मिली जानकारी की मानें तो बेगुसराय के जिलाध्यक्ष के फैसले पर युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष का सहमति नहीं होना बताया जा रहा है।

बेगुसराय भाजपा युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष के घोषणा के बाद से ही शुरू हो चुकी है गुटबंदी : चूंकि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी की तरफ बेगुसराय के युवाओं का खासा रुझान है। ऐसे में लगभग जिले के आधे दर्जन चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता, छात्र नेता और कई युवा नेता के नाम जिलाध्यक्ष के रेस में चल रहा था, लेकिन राममूर्ति के नाम की घोषणा उपरांत तमाम कयासों पड़ विराम तो लग गया लेकिन एन्टी राममूर्ति लॉबी इस फैसले से नाखुश होते दिखा , राजनीतिक कॉमेंटेटरों की माने तो इसका एक बड़ा वजह यह भी था कि बेगुसराय में बीजेपी के रीढ़ कहे जाने बाले एक नेता और संघ की बढ़ती दखल अंदाजी से बीजेपी के युवा और जमीनी कार्यकर्ता में निराशा छा गयी है,विदित हो कि बेगुसराय भाजपा के जिलाध्यक्ष राजकिशोर सिंह की छवि भी संघ के प्रतिनिधि के रूप में बनी हुई है। भाजपा जिलाध्यक्ष के रूप में राजकिशोर सिंह का मनोनयन होने का मुख्य कारणों में से एक कारण यह भी है कि पूर्व सांसद दिवंगत भोला बाबू के समय से कई भागों में बंटी भारतीय जनता पार्टी को एक करने को लेकर प्रान्त स्तर से संघ की रणनीति थी।

वहीं फिलवक्त बेगुसराय भाजपा में फिर से सियासी उठापटक की शुरुआत हो चुकी है, विश्वस्त सूत्र की मानें तो युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष के रूप में पिछड़ा वर्ग के युवा का मनोनयन होना था, लेकिन राजनीतिक दाव पेंच के बीच आनन फानन में जिलाध्यक्ष के नाम की घोसणा कर दी गई।