बेगूसराय प्रशासन पर उठा सवाल : पुलिस ने 2 साल के बच्चे पर किया था केस, कोर्ट ने कहा- पुलिस पर दर्ज हो मुकदमा..

डेस्क : बिहार के कानून व्यवस्था की लचर स्थिति आए दिन सोशल मीडिया पर देखने को मिलती है। इसी का एक और नमूना बेगूसराय (Begusarai) में देखने को मिला। आपको जानकर हैरानी होगी कि बेगूसराय पुलिस (Begusarai Police) ने महज 2 साल के मासूम बच्चे पर एक मामले को लेकर केस दर्ज किया था। अब पुलिस की इस करतूत की वजह से पूरा परिवार परेशानी झेल रहा है और लगातार थाना एवं कोर्ट के चक्कर काट रहा है। चलिए, आपको विस्तार से पूरा मामला बताते हैं।

दरअसल, मुफ्फसिल थाने की पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान 8 व्यक्तियों पर सरकारी कार्य में बाधा एवं तोड़फोड़ का मामला दर्ज किया था। इसमें एक 2 साल के बच्चे पर भी पुलिस ने मामला दर्ज कर दिया था। गुरुवार को कोर्ट में पेशी होने के साथ ही सीजीएम ने बच्चे को बरी कर दिया लेकिन साथ ही यह आदेश भी जारी किया कि यह पुलिस की लापरवाही नतीजा है। इसलिए ऐसे लापरवाह पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए बाल आयोग में इसकी शिकायत दर्ज कराई जाए।

बताते चलें कि यह पूरा मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सुजा गांव से जुड़ा हुआ है। वर्ष 2021 में कोरोना महामारी के दौरान एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद बेगूसराय पुलिस के द्वारा उस क्षेत्र को बेरीकेट से घेराबंदी कर दिया था जिसे कुछ असामाजिक तत्वों ने हटा दिया था। बेरिकेटिंग तोड़ने की शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन ने आरोपियों पर मामला दर्ज करने का निर्देश जारी किया था। उस आदेश के आलोक में चौकीदार रूपेश कुमार ने चिन्हित करते हुए 10 अप्रैल 2021 को कांड संख्या 224/ 21 के तहत एक ही परिवार के 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उन आठ सदस्यों में शंभू ठाकुर का लगभग 2 वर्ष का पुत्र भी शामिल था।

वही, इस पूरे मामले को लेकर अधिवक्ता देवव्रत पटेल ने बताया कि बच्चे को देख सीजीएम ने बच्चे पर लगे आरोप से उसे बरी कर दिया। साथ ही कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि ऐसे लापरवाह पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए बाल आयोग में शिकायत दर्ज कराई जाए। अब कोर्ट की फटकार और पुलिस पर कार्रवाई की बात जानकार पुलिस पदाधिकारी के हाथ पांव फूल रहे हैं।