नावकोठी : कोरोना वैश्विक महामारी को लेकर बिहार सरकार 3 महीनों का राशन तथा 1000 रूपया देने का ऐलान किया गया लेकिन बहुत सारे ऐसे मजदूर परिवार हैं जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, जब इन पीड़ितो के द्वारा इस पर सवाल उठाया गया तो बिहार सरकार के द्वारा 9 दिन में राशन कार्ड बनवाने की बात कही गई वहीं ग्राम जीविका सदस्य के द्वारा हर उस व्यक्ति का फॉर्म भरवाया गया जो मध्यवर्गीय और निम्न वर्गीय मजदूर परिवार के व्यक्ति हैं जो मजदूरी करके अपना जीवन-यापन करते हैं लेकिन इस वैश्विक महामारी को लेकर मजदूरों को भूखे मरने की नौबत आ गयी है।
डफरपुर पंचायत के छतौना गाव के मजदूर लालबाबू महतो, संकर महतो, किशन कुमार, पप्पू महतो, अशर्फी महतो आदि का कहना है कि हमलोग मजदूरी करके जीवन- यापन करते थे लेकिन इस कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को लेकर सब काम बंद होने से भूखे मरने का नौबत आ गया है।
इन पीड़ित मजदूरों ने कहा है कि हमलोगो के पास पहले राशन कार्ड था लेकिन 10 साल से नाम कटवा दिया गया है कई बार आवेदन देने के बाद भी राशन कार्ड नहीं बनवाया गया, जिसके कारण हमलोगो को राशन नहीं मिलता है पीड़ित मजदूरों ने कहा कि इसबार ग्राम जीविका सदस्य के द्वारा राशन कार्ड बनवाने के लिए फॉर्म भरवाया गया लेकिन अभी तक राशन कार्ड नहीं आया है, पीड़ित मजदूरों ने सरकार और प्रशासन से न्याय की मांग की।