Begusarai News : बेगूसराय के एक पूर्व सैनिक, जो पत्रकारिता क्षेत्र में भी सक्रिय हैं, उन्होंने प्रशासनिक लापरवाही और JDU विधायक पर गंभीर उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए “जल समाधि” लेने की आखरी चेतावनी दे दी है। उनका दावा है कि वे लंबे समय से अन्याय और राजनीतिक दबाव का शिकार हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की। पूर्व सैनिक का आरोप है कि वे मानसिक और सामाजिक तौर पर टूट चुके हैं और न्याय की सारी उम्मीदें टूट चुकी हैं। अब उनके पास संघर्ष का यही अंतिम रास्ता बचा है।
दरअसल, पूर्व सैनिक सह पत्रकार संतोष कुमार राय ने परबत्ता के जदयू विधायक संजीव कुमार (JDU MLA Sanjeev Kumar) पर आरोप लगाया कि विधायक और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा हैं। बीते शुक्रवार को कैंटीन चौक, बेगूसराय में खगड़िया एसपी और बिहार के डीजीपी का उन्होंने पुतला भी दहन किया। संतोष कुमार राय का कहना है कि बीते 3 वर्षों से विधायक संजीव कुमार के सहयोगी उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। फर्जी मुकदमों में फंसाकर उन्हें तीन बार जेल भेजा जा चुका है।
फर्जी मुकदमों में फंसाने का आरोप
संतोष राय का दावा है कि खगड़िया जिले के परबत्ता और गोगरी थाने के माध्यम से उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराए गए। खगड़िया मंडल कारा में आमरण अनशन करने पर धमकी दी गई और उन्हें सेंट्रल जेल भेज दिया गया। यहां उन्हें किसी भी कानूनी सलाहकार से मिलने तक नहीं दिया गया। बावजूद इसके उन्होंने 51 दिनों तक आमरण अनशन जारी रखा और अंततः पटना हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा हुए।
व्हाट्सएप पर धमकी और फर्जी मुकदमे का आरोप
संतोष राय के मुताबिक, 26 फरवरी 2025 को रात 11:20 बजे उन्हें व्हाट्सएप पर जान से मारने की धमकी मिली। धमकी देने वाले का नाम निलेश कुमार पासवान बताया, जो पहले भी 10 लाख लेकर मुकदमा वापस लेने की बात कर चुका था। संतोष राय का कहना है कि विधायक संजीव कुमार ने फर्जी वीडियो तैयार कर खगड़िया एसपी और गोगरी डीएसपी के साथ साजिश कर उन्हें फिर से जेल भेजने की योजना बनाई है।
पत्नी पर हमले का आरोप
संतोष राय ने आरोप लगाया कि विधायक संजीव कुमार और निलेश कुमार पासवान ने मिलकर उनकी पत्नी पर ट्रेन से धक्का देकर जानलेवा हमला किया। इस घटना में उनकी पत्नी के दोनों पैर कट गए। इस मामले में उन्होंने 13 मार्च 2025 को बलिया थाना में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन प्रशिक्षु थाना प्रभारी और एसडीपीओ ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से लगाई गुहार
संतोष राय ने अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों की शिकायत मानवाधिकार आयोग, पटना हाईकोर्ट, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कार्यालय तक पहुंचाई है। लेकिन प्रशासन उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस आवेदन वापस लेने और आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर रही है। उन्होंने बताया कि इस स्थिति में बलिया थाना की त्रासदी के बाद मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचता है, जिसके बाद उचित समय और ज्ञापांक के साथ जल समाधि के लिए मैं बाध्य हो रहा हूँ।