बेगूसराय के किसान की बेटी सत्यम कुमारी बनीं दारोगा, इलाके की लड़कियों के लिए बनी रोल मॉडल

डेस्क : शिक्षा एक ऐसा धन है जिसे कोई बांट नहीं सकता है। मजबूरियां कुछ पल के लिए सफलता की राह को रोक सकती है। लेकिन शिक्षा जैसा धन जिसके पास है वह कभी भी सफलता के पहाड़ पर चढ़कर पताका लहरा सकते हैं। बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग, बिहार द्वारा आयोजित पुलिस अवर निरीक्षक का परीक्षा परिणाम ने यही संदेश दिया है। बेगूसराय जिले बरौनी 1 निवासी अरविन्द सिंह की पुत्री सत्यम कुमारी ने प्रथम ही प्रयास में दरोगा बनकर परचम लहराया है।

बता दें कि सत्यम बिल्कुल ग्रामीण परिवेश में पली बढ़ी। बचपन से ही पढ़ने लिखने में तेज रही। सत्यम एक मध्यम वर्गीय परिवार से आती हैं। उनके पिता अरविंद सिंह गांव में ही किसानी करते हैं। सत्यम कुमारी का परिवार इतना आर्थिक सम्पन्न नहीं था कि वह अपनी पढ़ाई किसी प्राइवेट स्कूल से कर पातीं। लिहाजा उन्होंने गांव के ही सरकारी स्कूल से अपनी 10 वीं की पढ़ाई पूरी की। हालांकि, सत्यम बचपन से ही पढ़ने में काफी होशियार थीं। उन्होंने 10वीं में अच्छे अंक प्राप्त किए। और MRDIM कॉलेज मेघौल से इंटरमीडिएट उत्तीर्ण की। और आगे की पढ़ाई जारी रखते हुए उन्होंने RCS कॉलेज बीहट से ग्रेजुएशन कंप्लीट की। आगे की पढ़ाई के लिए भी जुनून था।

लेकिन, परिवार आर्थिक तंगी होने के कारण नहीं पढ़ पाई। अंदर से पढ़ने का जुनून सवार था। बस घर पर ही रहकर कंपटीशन की तैयारी शुरू कर दी। इसके बाद फिर पटना में रहकर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी की। उन्होंने यह सफलता पहले प्रयास में हासिल की है। पिछले 1 सालों से हर रोज घर में ही 5-6 घंटे पढ़ाई करती थी। और आज वही मेहनत रंग लाई। और पहले ही प्रयास में दरोगा की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। बता दे की सत्यम तीन भाई बहन में सबसे छोटी है। माता नीलम कुमारी शिक्षिका है। जब से रिजल्ट आया है तब से रिश्तेदारों का बधाई हो देने का तांतां लगा हुआ है। पूरे परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं है। परिवार और जिले का नाम रौशन कर दिया। जिसके बाद से परिवार और गांव में खुशी की लहर देखने को मिली। अपनी इस सफलता के बाद सत्यम अब इलाके की लड़कियों के लिए रोल मॉडल बन गई हैं।