बेगूसराय : दर्जनों लोग फंसे हैं उड़ीसा में कोई नहीं है देखने बाला, मदद की गुहार

छौड़ाही : जेब में एक पैसा नहीं है, दो-तीन दिन से भूखे हैं। हमारे पत्नी और बच्चे भी भूखे हैं। खाने की व्यवस्था हेतु रूम से बाहर निकलने पर पुलिस भोजन देने के बदले डंडे से पीट रही है। इस परिस्थिति में हम क्या करें कुछ सूझ नहीं रहा है।यह वीडियो संदेश छौड़ाही के सिहमा पंचायत बकारी निवासी रोहित कुमार साहनी,राम कुमार साहनी, सागर सहनी, रेनू देवी ने रिकॉर्ड कर भेजा है।रोहित बताते हैं कि बकारी गांव के 40 से 50 लोग उड़ीसा के कटक शहर के वार्ड नंबर 24 में दिल्ली भवन के ठीक सामने की गली में रहते हैं।

इनमें से कोई ठैला चलाता है तो कोई रिक्शा चलाता है तो कोई बेलदारी का काम इन लोगों का कहना है कि 21 तारीख से हम लोग का काम धंधा बंद हो गया। घरों में रहने को कहा गया जिसका हम लोग पालन कर रहे हैं।अब हम लोग के जेब का सारा पैसा खर्च हो चुका है। दो से तीन दिन तक खाना नहीं खाए हैं। गहना, जेवर लेकर जब बाहर खाना लेने जाते हैं तो पुलिस डंडे से पीट कर भगा देती है। यहां के अधिकारी से लेकर बिहार के अधिकारी तक हो कई बार फोन कर चुके हैं । लेकिन आश्वासन मिला भोजन नहीं यह स्थिति रही तो भूख से मरने की नौबत आ जाएगी। भूखे बच्चे को देखकर भी अधिकारियों की तरफ नहीं आ रही है। इन लोगों का कहना है कि हम लोग को या तो घर भेज दिया जाए या यहीं पर कम से कम भोजन की व्यवस्था हो तो, हम लोग छह से सात महीना भी यही रह सकते हैं।

भूखे प्यासे बच्चों एवं उनके माता-पिता द्वारा हाथ जोड़कर की जा रही विनती सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है। इन लोगों की मदद की भी अपील उड़ीसा एवं बिहार सरकार के अधिकारियों से कर रहे हैं । वही सिहमा पंचायत के मुखिया पवन कुमार साह ने बताया कि 500 से 1000 ज्यादा बार फोन वहां से आ चुका है।उड़ीसा एवं बिहार सरकार के कई अधिकारियों को कहा गया है लेकिन मदद की नहीं मिल पाया है। मुखिया ने जल्द से जल्द भोजन की व्यवस्था करवाने की मांग बिहार सरकार के अधिकारियों से की है।