बेगूसराय : टिड्डी दल के प्रकोप से किसानों को बचाने के लिये जिला प्रशासन ने कसी कमर,जिलाधिकारी ने दिये निर्देश

डेस्क : टिड्डी दल के प्रकोप के किसानों को बचाने के लिए रोकथाम एवं उचित प्रबंधन के लिए जिला स्तर पर गठित कार्यसमिति की बैठक गुरुवार को समाहरणालय स्थित कारगिल विजय भवन में हुई। जिसकी अध्यक्षता डीएम अरविद कुमार वर्मा ने की। बैठक के दौरान जिला पदाधिकारी ने जिला कृषि पदाधिकारी से इस संबंध में की गई तैयारियों के बारे में जानकारी प्राप्त की , जिसके बाद उन्होंने निदेशित करते हुए कहा कि टिड्डी दल के प्रकोप से रोकथाम के लिए अपनाए जाने वाले उपायों के संबंध में किसानों को जागरूक करने हेतु व्यापक प्रचार-पसार करवाना सुनिश्चित करें। साथ ही जिला स्तर, प्रखंड स्तर, पंचायत स्तर एवं ग्राम स्तर पर गठित कार्य समिति का नियमित अंतराल पर बैठक कर वस्तुस्थिति की समीक्षा करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि टिड्डी दल के प्रकोप से रोकथाम के लिए अपनाए जाने वाले उपायों के संबंध में भी लोगों को जानकारी देने से फसल क्षति को बचाया जा सकता है।

किसान ऐसे करके फसलों को टिड्डी दल के प्रकोप से बचा सकते हैं बैठक के दौरान जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि टिड्डी दल के प्रकोप की स्थिति में किसान कृषि विभाग के पदाधिकारियों/कर्मियों को तत्काल इसकी सूचना देने के साथ-साथ सामूहिक रूप से इकट्ठा होकर ढोल, टीन के डिब्बों, थालियों, ध्वनि विस्तारक यंत्र को बजाते हुए शोर मचाएं। इसके अतिरिक्त पूर्व से ही संभावित प्रभावित क्षेत्रों के लिए कृषि रक्षा रसायनों, स्प्रैयर्स एवं संभव हो तो ट्रैक्टर्स आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें तथा आवश्यकतानुसार फसलों पर रसायन के छिड़काव के लिए उपयुक्त भमय रात्रि के 11 बजे से सुबह सूर्योदय की अवधि में छिड़काव करें।

रासायनिक कीटनाशी दवा के रूप में अनुशंसित दवा लेम्बाडासायहेलोथ्रीन-5 प्रतिशत ई.सी. का 01 मिली दवा प्रति लीटर पानी, क्लोरपाईरीफॉस 20 प्रतिशत ई.सी. का 2.25 मिली दवा प्रति लीटर पानी, फिपरोनील 5 प्रतिशत ई.सी. 01 मिली प्रति लीटर पानी, एवं डेल्टामेत्रीन-2.5 प्रतिशत ई.सी. दवा 1-1.5 मिली प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करने से टिड्डी कीट को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि मादा टिड्डी कीट 06 इंच नमी वाली गहराई में अंडे देती है। प्रभावित क्षेत्र में गहरी जताई करके कीट के अंडा, लार्वा को नष्ट किया जा सकता है। इस बैठक में उप विकास आयुक्त सुशांत कुमार, सिविल सर्जन कृष्ण मोहन वर्मा, जिला