न्यूज डेस्क : बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। मगर, धरातल पर इसका क्या असर दिख रहा है, इस बात से तो आप लोग भली भांति परिचित होगे, सूबे में एक ओर ज़हरीली शराब पीने से लोग मर रही है और सरकार कह रही है, “गंदा चीज का सेवन करिएगा तो मरयेगा नहीं” बिहार में शराबबंदी के बावजूद और सरकार का इस तरह का बयान कतई शोभा नहीं देता है, वही विपक्ष पार्टी द्वारा लगातार इस कानून का खिलाफ किया जा रहा है, विगत दिनों पहले राजद के सुप्रीमो लालू यादव ने भी नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए शराबबंदी कानून की पोल खोली थी।
हाल ही में बेगूसराय के बीजेपी (BJP) विधायक कुंदन सिंह ने भी शराबबंदी कानून को फेलियर बताते हुए समीक्षा करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू के बावजूद भी हर जगह होम डिलीवरी की जा रही है। यहां तक कि छोटे-छोटे बच्चे इस धंधा को अपना करियर बना लिया है। इससे साफ दिख रहा है कि अगले आने वाली पीढ़ी पर इसका क्या असर पड़ेगा। आगे उन्होंने कहा शराबबंदी कानून आने के बाद लोगों को अवैध धन उगाही का मौका मिला और आज वही लोग पंचायत चुनाव के माध्यम से अवैध कमाई की बदौलत जीत कर समाज की बागडोर संभालने की तैयारी कर रहे हैं।
विधायक कुंदन कुमार सिंह ने कहा कि आज स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे शराब कारोबार के बीच अपना करियर खोज रहे हैं, शाम ढलते ही शराब की होम डिलीवरी में लिप्त हो जाते हैं। इतना ही नहीं शराबबंदी की वजह से आज बिहार में ड्रग्स या अन्य नशे के साजो सामान की ओर लोगों का झुकाव हुआ है। शराबबंदी की वजह से एक तरफ जहां सरकारी राजस्व की क्षति हुई तो समाज में कई कुरीतियां भी उत्पन्न हुई और लोग अपराध के दलदल में फंसते चले गए, कुल मिलाकर इस स्थिति को देखते हुए शराबबंदी कानून में समीक्षा की जरूरत है।