छौड़ाही : लॉक डाउन (LOCK DOWN) में बाहर के राज्यों में फंसे कामगारों ने जब आपबीती सुनाई तो सुनने बालों के पैर तले जमीन खिसक गयी, बताते चलें कि स्पेशल ट्रेन द्वारा प्रवासी कामगारों का आने का सिलसिला प्रारंभ हो गया है। मंगलवार को 13 प्रवासी मजदूर केरल के त्रिचुर स्टेशन से दानापुर जंक्शन पहुंचे जहां से उन्हें बेगुसराय के छौड़ाही प्रखंड कार्यालय भेजा गया। यहां स्क्रीनिंग के बाद सभी कामगारों को 21 दिन के लिए प्रखंड क्वांरटाईन सेंटर में रखा गया है। दाने-दाने को मोहताज इन कामगारों से वहां के मालिक क्रूरता से पेश आए काम से निकाला और आश्रय भी छीना। 1200 वसूल कर ट्रेन में भूखे पेट बैठा दिया।
40 दिन तक दहशत एवं भूख से बिलबिलाने के बाद छौड़ाही पहुंचे इन कामगारों के चेहरे पर इतने दिनों बाद राहत की मुस्कान खिली। अमारी निवासी अली हसन, एकंबा के जुबैर, मजलूम फुलहसन, मुस्तकीम, राजोपुर के रामसखा साह आदि कामगारों का कहना था कि हम लोग एर्नाकुलम मल्लपुरम आदि शहर में ईट सीमेंट ढोने, फेरी कर सामान बेचने का काम करते थे। लॉक डाउनलोड के बाद ठेकेदार ने हम लोगों को कम से निकाल दिया। मजदूरी भी एक माह का नहीं दिया। फेरी का बीकॉम बंद हो गया। मकान मालिक ने भी घर से भगा दिया। सड़क पर 15 दिनों से थे। पैसे भी खत्म हो गए थे। इधर एक सप्ताह से दो पैकेट बिस्कुट में सभी लोग खाकर किसी तरह जिंदा रहे। स्थानीय नगरपालिका वालों का हाथ पर जोड़ा तो उन्होंने 1200 टिकट का एवं 1000 खर्च दोगे तो ट्रेन से गांव भेज दिया।