डेस्क : इस वक्त पूरा भारत देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व वैश्विक महामारी कोरोना से लोहा ले रहा है । केंद्र सरकार, राज्य सरकार सहित हर सक्षम छोटे बड़े उपक्रम , राजनीतिक पार्टी, सामाजिक संस्था के लोंगों के द्वारा इस दौरान युद्धस्तर पर इससे लोहा लेने की कवायद की जारी है। लेकिन इस बीच बेगूसराय की युवा आबादी के द्वारा सोशल मीडिया पर लगातार सीपीआई नेता कन्हैया कुमार का धरातल पर डिमांड किया जा रहा है ।
हा हो भी क्यों ना ! बात तो सही ही है कि कहाँ है बेगूसराय का नेता नहीं बेटा ?
कन्हैया कुमार ने बीते साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बेगूसराय के हर गाँव मोहल्ले गली कूचे में जाकर ये बताया था कि हम आपके बेगूसराय के लिए नेता बनने नहीं आये हैं। हम बेगूसराय का नेता नहीं बेटा हैं हम आपके लिये आपके साथ लड़ने आये हैं । हालांकि वो इस चुनाव में 20 लाख वोटर बाले सीट पर महज तीन लाख के आसपास के लगभग वोट लाये और लगभग साढ़े चार लाख से वोट से बीजेपी के प्रत्याशी गिरिराज सिंह से मात खा गए थे । लेकिन ऐसे में सवाल यह उठता है कि जिस प्रकार से उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए क्राउड फंडिंग के जरिये मात्र तीन दिन में 80 लाख ₹ जुटा लिए थे । लिहाजा इस संकट की घड़ी में वो बेगूसराय की जनता के लिए 80 हजार ₹ भी तो खर्च करने का प्रयास करते….