मंझौल : मंदिर को लेकर दो गुट में तनाव, खेत मे सरसों हो रहा बर्बाद, सीओ ने झाड़ा पल्ला

मंझौल : मंदिर ईश्वर का स्थान माना जाता है। जिसका मालिक आमतौर से मंदिर का पुजारी अथवा स्थानीय समुदाय के लोगों की कमेटी होती है.जो मंदिर में पूजा अर्चना करने के साथ साथ उसके रखरखाव की जिम्मेदारी निभाती हैं.परंतु इसके उल्ट मंझौल पंचायत चार के सिउरी गांव स्थित गिरजा महारानी मंदिर के नाम लगभग साढ़े चार बिगहा जमीन पर मालिकाना हक व दखल कब्जा के लिए दो फरीकों के बीच बीते कुछ सालों से तनाव की स्थिति बनी हुई है। उक्त बाबत राजकुमार मिश्र और आशा मिश्रा ने नबंवर 2019 में मंझौल ओपी के जनता दरबार में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई थी लेकिन अंचलाधिकारी चेरियाबरियारपुर ने उक्त आवेदन को ठंडे बस्ते में डाल दिया था । लेकिन स्थिति अब विकड़ाल रूप धारण करने लगी है.जिसके नतीजा में जब एक फरीक उक्त जमीन को जोत आबाद कर फ़सल लगाते हैं.तो दूसरा फरीक उक्त जमीन में लगे फसल को जोत कर नष्ट कर देते हैं.इस बीच उक्त मामला अब पुलिस प्रशासन तक पहुंच चुकी है.फलत: उक्त जमीन में लगे सरसों की फसल बर्बाद होने के कगार पर है.बताया जाता है उक्त जमीन में एक फरीक द्वारा लगाए गए सरसों की फसल पकने के उपरांत काटकर तैयार करने की तैयारी चल रही थी.तभी दूसरे फरीक द्वारा पुलिस प्रशासन की मदद से रोक लगवा दिया गया.जिससे एक बीघे में लगी सरसों की फसल खेत में बर्बाद हो रहा है.

ब्रिटिश हुकूमत के समय से जमीन पर है पुजारी परिवारों का कब्जा

बताया जाता है अंग्रेजी हुकूमत के समय से रघुनाथ सहाय मंदिर के पुजारी हुआ करते थे.पुजारी के संयुक्त परिवार रहने तक कोई विवाद नहीं था.परिवार बंटवारा के उपरांत मंदिर परिसर के सात कट्ठा जमीन के साथ पांच भुखंडों में बंटे लगभग साढ़े चार बिगहा जमीन पर मालिकाना हक के लिए तनाव की स्थिति उत्पन्न है.फलत: उक्त विवाद को सुलझाने के लिए एक फरीक द्वारा अंचलाधिकारी के जनता दरबार में आवेदन भी दिया गया था.इस मामले में पुजारी परिवार के विद्यापति मिश्र वर्तमान में धार्मिक न्यास बोर्ड द्वारा नियुक्त अपने आप को मंदिर के पुजारी होने का दावा करते हैं, पुरे जमीन पर दखल व कब्जा चाहते हैं.वहीं फरीक स्वर्गीय कपलेश्वर मिश्र के पुत्र राजकुमार मिश्र उक्त जमीन के अद्यतन रसीद कटा रहे हैं, उनका कहना है मंदिर की जमीन पर अपना दावा ठोंकते हैं.उनका कहना है कि हमारे पिता कपलेश्वर मिश्र पूर्व में गिरजा महारानी मंदिर के पुजारी थे.इसलिए उक्त जमीन हमारी होनी चाहिए.

मंदिर की ढह रही छत, देखने वाला कोई नहीं

इस संबंध में पुछे जाने पर पंचायत के मुखिया राजेश कुमार उर्फ रामलोली ने बताया मंदिर का छत ढह कर गिरने लगा है.जिसको देखने वाला पुजारी परिवारों में से कोई नहीं है.सुरक्षा के दृष्टिकोण से मंदिर में न तो गेट लगा है.और न ही चहारदीवारी का निर्माण कराया गया है.स्थानीय लोगों के द्वारा चंदा-चुटकी के सहारे मंदिर का रंग रोगन किया जाता है.पुजारी परिवार सिर्फ मंदिर के भूमि पर दखल व कब्जा को लेकर आपस में लड़-झगड़ रहे हैं.इससे स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा हो रहा है.पुजारी परिवार को आपस में सामंजस्य बिठाते हुए मिलजुलकर रहना चाहिए.

कहते हैं अंचलाधिकारी : इस संबंध में पुछे जाने पर अंचलाधिकारी राजीव रंजन चक्रवर्ती ने बताया जमीन की अद्यतन रशीद कट रही है.उक्त भूमि रैयती है. किसी मंदिर ट्रस्ट के अंतर्गत नहीं है.दोनों पक्षों को भूमि विवाद सुलझाने के लिए सक्षम न्यायालय