जाने कृषि बिल पर पीएम मोदी और सीएम नीतीश के बीच क्या हुई बात , मंत्री मंडल पर भी हुई चर्चा

डेस्क : बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार किया जा चुका है यह मंत्रिमंडल विस्तार बिहार में नई सरकार गठित होने के 3 महीने बाद बनाया गया है। जिसको लेकर यह काफी चर्चा में रहा। मंत्रिमंडल के विस्तार की देरी को लेकर यह कयास लगाई जा रही थी कि जेडीयू पार्टी और भाजपा पार्टी में अनबन चल रही है। ऐसे में मंत्रिमंडल तैयार हो चुका है और ठीक 2 दिन बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में बैठे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मीटिंग कर चुके हैं।

इस मीटिंग में कहा गया है कि यह जो तीन कानून किसानों के लिए आए हैं वह किसानों के हित के लिए हैं। ऐसे में जितना जल्दी हो सके किसानों के मुद्दों को हल किया जाए। नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी को बंगाल में चुनाव लड़ने की बात पर चर्चा की और जवाब में नीतीश कुमार ने कहा की अगर कोई कुछ बोलता है तो उसको बोलने देना चाहिए। इससे उनको पब्लिसिटी मिलता है और यह ठीक भी है। वह लोग जो बोलते हैं उस पर बोलना उचित नहीं है। ऐसे में यह बोलकर उन्होंने बता दिया कि वह राजद पार्टी के नेताओं की ओर इशारा कर रहे हैं। अगर, उनको आत्म संतुष्टि मिलती है बोलने पर तो ऐसे लोगों को बोलते रहना चाहिए।

इस नए मंत्रिमंडल विस्तार पर लोगों ने प्रश्न चिन्ह लगाए हैं और वर्तमान पार्टी के ऊपर सवाल दागे हैं कि इसमें दागी नेता भी शामिल है। ऐसे में बुधवार को वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी भी मंत्रिमंडल विस्तार से नाराज दिखाई दिए। ऐसे में जेडीयू के अध्यक्ष ने ए एन आई को बताया कि मंत्रिमंडल से किसी को कोई आपत्ति नहीं है, ना ही किसी तरह की परेशानी है। सब अपने पद को संभालने के लिए सक्षम है और यह बात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा भी स्पष्ट रूप से अपनाई जा चुकी है। गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के विकास में सहयोग करने की बात की है।