बेगूसराय में सलौना स्टेशन पर रेल यात्री संघ का एक दिवसीय धरना, मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी

बखरी (बेगुसराय) : अमित कुमार पोद्दार सवारी गाङियो के पुनः परिचालन को लेकर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सलौना स्टेशन परिसर में एक दिवसीय सामूहिक उपवास एवं धरना सभा का आयोजन किया गया। दैनिक यात्री संघ समस्तीपुर रेल मंडल की सलौना इकाई के तत्वावधान में आयोजित धरना की अध्यक्षता करते हुए संघ के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने कहा कि कोविड 19 के संक्रमण से बचाव हेतु रेल प्रशासन द्वारा रेलवे का सामान्य परिचालन बंद किया गया था।

किन्तु अब लोगों की दिनचर्या धीरे धीरे सामान्य हो चुकी है। ऐसे में परिचालन अब तक शुरू नहीं होना आम लोगों को रेल यात्रा से वंचित करना है। उन्होंने समस्तीपुर खगड़िया सहित अन्य रेलखंडों पर सामान्य ट्रेनों का परिचालन अविलंब शुरू करने की मांग की। सभा को संबोधित करते हुए नगर पार्षद सिधेश आर्य ने कहा कि सामान्य सवारी गाङी का परिचालन बंद कर रेलवे द्वारा स्पेशल ट्रेनें चलायी जा रहीं हैं। जिसमें यात्रियों से पांच गुना अधिक किराया वसूल किया जा रहा है। सलौना से हसनपुर,रूसेरा घाट, समस्तीपुर, खगड़िया एवं सहरसा आदि का किराया सामान्य ट्रेनों में 15 से 25 रूपये के स्थान पर 75 से सौ रूपये स्पेशल ट्रेनों के नाम पर रिजर्वेशन कर वसूला जा रहा है। यह गरीब जनता की जेब पर रेल प्रशासन का सीधा हमला है। वहीं प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों को रिजर्वेशन में सीटों की संख्या सीमित होने के कारण या तो परीक्षा से वंचित होना पङता है अथवा लाचारी वश मालगाड़ी तक में जान जोखिम में डाल यात्रा के लिए मजबूर होना पङता है।

बेगूसराय सहित खगड़िया व समस्तीपुर जिले का सीमावर्ती स्टेशन सलौना होने के बावजूद बखरी में डिग्री कालेज नहीं होने के कारण, वैसे छात्र-छात्राएं जो रोसङा, समस्तीपुर, दरभंगा व खगड़िया के कालेजों में दैनिक यात्रा कर उच्च शिक्षा हासिल कर रहे हैं, एमएसटी नहीं बनने व यात्री ट्रेनें बंद होने के कारण उनके भविष्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पङ रहा है। कहा, आमान परिवर्तन में तीन साल रेल परिचालन बंद रहने के बाद क्षेत्र के लोगों को आस थी कि अब पटना व दिल्ली का सफर बखरी के लोगों को आसान हो जायेगा तथा एक्सप्रेस ट्रेनों के माध्यम से सलौना बङे शहरों से सीधे तौर पर जुङ जायेगा। किन्तु द्रुतगामी ट्रेनों का ठहराव यहां नहीं होने से लोग ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

उपरिगामी पुल, बखरी ढाला चौक पर रेलवे ओवरब्रिज सहित अन्य यात्री सुविधाओं का घोर अभाव विभाग द्वारा बरती जा रही उपेक्षा का जीवंत प्रमाण है। सलौना के साथ सौतेलापन जनांदोलन की पृष्ठभूमि तैयार कर रही है,जिसकी सारी जबाबदेही रेल प्रशासन की है। वहीं समस्तीपुर रेल मंडल दैनिक यात्री संघ के संयुक्त सचिव सह संयोजक मनोहर कुमार कुशवाहा ने कहा कि बीते लगभग आठ माह से इस रेलखंड पर सामान्य ट्रेनों का परिचालन नहीं होने के कारण लोग बसों में ठूंस कर यात्रा करने को विवश है। कोरोना के नाम पर जेनरल ट्रेनों को बंद कर लोगों को दिल्ली, पंजाब सहित अन्य बङे शहरों में रोजगार के लिए लंबी दूरी की यात्रा बसों में करनी पङ रही है, जहां कोरोना के संक्रमण के खतरे अधिक हैं। भाकपा नेता जितेन्द्र जीतू ने कहा कि अधिकारों पर जब हकमारी होती है, तो जनता सङक पर आ जाती है।

अनुमंडल आंदोलन ने लोगों को सिखाया है कि अधिकार मांगने से नही,छीनने से मिलता है। रेल परिचालन बंद रहने से वैसे लोग जिनकी जीविका ट्रेनों एवं उनमें यात्रा करने वाले लोगों पर आधारित है, वैसे लोग रोजगार बंद होने से भुखमरी के कगार पर आ गये हैं। कहा,गरीबी और भुखमरी से मरने के बजाय लङ कर मरना बेहतर है। सपा जिलाध्यक्ष दिलीप केसरी के अनुसार रेलवे न सिर्फ देश की लाइफ लाइन है,वरन् यह बहुत बङी आबादी की जीविका का भी अधिकार है। सरकार को उनकी भी चिन्ता करनी चाहिए। वहीं सलौना के पूर्व सरपंच बलराम स्वर्णकार ने कहा कि सामान्य रेल परिचालन प्रारंभ करने के साथ ही रेल प्रशासन सहरसा पाटलिपुत्र, सहरसा जयनगर के लिए भी एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन अविलंब शुरू करे,जिसका ठहराव सलौना स्टेशन पर हो। धरना सभा को पूर्व पंसस पंकज पासवान, भाजयुमो के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अंकित सिंह, इमली रेल यात्री संघ के उदमी लाल पोद्दार, रिटार्यड फौजी रघुनंदन महतो आदि ने भी। कार्यक्रम में मांगों से संबंधित ज्ञापन स्थानीय अधिकारियों के माध्यम से डीआरएम को भेजा गया।