बिहार के “प्राइवेट अस्पतालों” की घिनौनी करतूत आई सामने, कोरोना से मौत के बाद परिजनों से PPE किट नाम पर वसूले 56 हजार रुपये

डेस्क : बिहार में इन दिनों कोरोनावायरस तबाही का रूप ले लिया है। हर दिन मरीजों की तादाद बढ़ती ही जा रही है। साथ ही मृत्यु आंकड़ा भी आक्रमक रूप ले लिया है। इसके साथ ही बिहार के अलग-अलग प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों के साथ कोरोनावायरस के नाम अवैध वसूली भी किया जा रहा है। जबकी, बिहार सरकार द्वारा अलग-अलग निजी अस्पतालों का निर्धारित शुल्क भी लागु कर दिया गया। इसके बावजूद पटना के निजी अस्पताल द्वरा कोरोना संक्रमित मरीजों से बड़ी-बड़ी राशि वसूल रहे हैं। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल बेड चार्ज से लेकर जांच और यहां तक कि पीपीई किट के लिए भी हजारों रुपये अलग से वसूल रहे हैं। इसी पटना के एक निजी अस्पताल का नया मामला सामने आया है। जहां, बैंक रोड स्थित तारा हॉस्पिटल में एक मरीज के परिजन से सिर्फ पीपीई किट के लिए 56 हजार रुपये वसूले गये।

शव सौंपने से पहले परिजनों से 3 लाख 33 हजार 500 रुपये वसूले गए: बताया जा रहा है कि मरीज महाराजगंज के सीएमओ डॉ. राजेश्वर प्रसाद सिन्हा थे। जब, गुरुवार को अस्पताल में उन्हे मृत घोषित किया गया। और उसके बाद उनके शव को परिजनों के हाथों सौंप दिया गया। शव सौंपने से पहले उनके परिजनों से जबरन तीन लाख 33 हजार 500 रुपये वसूले गए। इसमें 56 हजार केवल पीपीई किट के नाम पर वसूले गए। यही नहीं, बताया जा रहा है कि तीन मई के बाद मरीज को कोई भी रिपोर्ट परिजनों को नहीं दी गई। साथ ही तीन मई के बाद की सारी दवाइयां दुकान पर लौटाई गई। तभी अचानक छह मई को पैसा जमा कर शव ले जाने के लिए कहा जाने लगा। जबकि, तीन दिन पहले उनकी हालत में सुधार की बात कही जा रही थी।