विश्व बाल श्रम दिवस विशेष : बेगूसराय में 56 बालश्रमिक स्कूल हुए ठप, सरकार की तमाम कोशिशें हो रही असफल

न्यूज डेस्क : विश्व बालश्रम दिवस पर नागरिक कल्याण संस्थान के सचिव प्रो संजय गौतम ने चिंता जाहिर करते हुऐ कहा कि राज्य सरकार बालश्रमिकों को सामाजिक मुख्यधारा से जोड़ने में असफल रही है। राज्य सरकार के द्वारा समुचित योजना का लाभ ससमय नहीं मिल पा रहा है। बालश्रमिक पुनर्वास की योजना की ना समुचित जानकारी लोगों को है ना इसका लाभ लोग ले पा रहे है । गरीबी, अशिक्षा, आर्थिक तंगी और भी ज्यादा बालश्रमिक बनने पर मजबूर कर रहा है।

पिछले दिन भी राजस्थान के चुडी़ उद्योग से काम कर रहे 72 बालश्रमिक बिहार रेसक्यू कर के लाए गए थे । जबकि बेगूसराय के छः थे इसी कडी़ में साल भर में तकरीबन सैकडो़ की संख्या में श्रम विभाग बेगूसराय के द्वारा बालश्रमिक विभिन्न होटल ढाबा से लाया जाता है। लेकिन मुख्यधारा से नहीं जुड़ पाता है। 56 बालश्रमिक स्कूल बेगूसराय में चल रहा था । जो आज पांच सालों से सरकार की उदासीनता के कारण सभी स्कूल बंद पडे़ है। बच्चों को शिक्षा के मौलिक अधिकार से बंचित किया जा रहा है । राज्य सरकार कहती है कि बिहार में बालश्रमिक 4. 5 लाख है, लेकिन बिहार में बालश्रमिक दस लाख से उपर है। प्रो गौतम ने बताया कि जबतक पंचायत स्तर तक बालश्रम उन्मूलन की नीति नहीं बनेगी तबतक समाज में सुधार संभव नहीं है।

आर्थिक सामाजिक शैक्षणिक सर्वेक्षण कर वैसे परिवार को चिन्हित करना होगा जिसके माता पिता नहीं है या आर्थिक रुप से कमजोर है । बीमार है जिविका का कोई साधन नहीं है । वैसे बच्चों को सरकारी योजना का लाभ प्राथमिकता के साथ देने की योजना बनानी होगी । आज बालश्रमिक का होना नोनीहाल जीवन को दफनाना हुआ । बालश्रमिक समाप्त होते है तो हर स्तर पर समाज सरकार के मान सम्मान की बढो़तरी होगी।