भाजपा बोली- बिहार में अपने दम पर बना सकते हैं सरकार, तो क्या ये नीतीश के लिए संदेश है?

डेस्क : बिहार में विधानसभा चुनाव आने वाले नवंबर में हो जायेंगे ऐसा मन जा रहा है , चुनाव आयोग ने इस संदर्भ में अपने गाइडलाइन्स जारी कर दिए है। इसके साथ ही राजनीति में बयानों का एक दौर सा चल पड़ा है , हम सभी जानते है जो राजनीति में बयानों के हमेशा सीधे मतलब नहीं होते। अक्सर उनमें बिटविन द लाइंस बहुत कुछ छिपा और ढंका होता है।

केंद्रीय मंत्री और आरा से बीजेपी सांसद आरके सिंह के दिए बयान को सुनकर तो कम से कम ऐसा ही लगता है। आरके सिंह ने कहा है कि भाजपा बिहार में अकेले सरकार बना सकती है और इस बात में कोई शक नहीं है। अब सवाल ये है कि ये बात केवल बात के लिए कही गई है या इसमें नीतीश कुमार और जदयू के लिए कोई संकेत भी छिपा है। बहरहाल राजनीति में भविष्य़वाणियों की कोई जगह नहीं इसलिए इसे आगे होगा तो देखेंगे के तर्ज पर छोड़ते हुए मूल खबर बताते हैं।

असल में आरके सिंह ने बिहार विधानसभा चुनावों के संदर्भ में ये बयान दिया है। हालांकि उन्होंने आगे कहा है कि भाजपा 1996 से जदयू के साथ हैं और वो इस गठवंधन को तोड़ना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि हम अपने दोस्तों को नहीं छोड़ते हैं।लेकिन सवाल ये है कि क्या ये बयान इतना सीधा है जितना लगता है। असल में ये किसी से छिपा नहीं कि भाजपा सालों से बिहार में अपनी पार्टी के सीएम के लिए कोशिश कर रही है। लेकिन पहले राजद शासन और बाद में नीतीश शासन में ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया। अब इस बार भी नीतीश कुमार का चेहरा ही आगे है। ऐसे में भाजपा के एक राष्ट्रीय नेता का इस बात को रिमाइंड कराना और क्या क्या इशारा कर रहा है, इसे एक आम बिहारी भी अच्छे से समझ रहा है।

वैसे अगर इन बयानबाजियों को छोड़ दे तो शायद आरके सिंह ये भूल गए की भाजपा और जदयू केवल 1996 से साथ ही नहीं हैं बल्कि 2015 में ये साथ टूट चुका है। तब बिहार में महागठबंधन का प्रयोग हुआ था। नीतीश लालू और कांग्रेस के मेल ने एनडीए को करारी शिकस्त दी थी। ऐसे में बिहार चुनावों से जुड़े इन बयानों पर ध्यान बनाए रखिए। कौन जानता है, कब क्या हो जाये किसके मन में क्या खिचड़ी पक रही है , ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।