डेस्क : मामला बेगूसराय जिले के साहेबपुर कमाल प्रखंड अंतर्गत सन्हा पूरब का बताया जा रहा है. जहां पोल की जगह कच्चे बांस के सहारे घर तक बिजली पहुंचाने पर ग्रामीण विवश हैं. इस संबंध में स्थानीय ग्रामीण निकेश निगम ने बताया हम लोगों का करीब 10 घरों एक मोहल्ला है, जहां पोल की जगह बांस के सहारे विद्युत प्रवाहित होती है. यह सिलसिला पिछले करीब 20 वर्षों चलते आ रहा है, हमलोगो के घर तक इसी तरह से बिजली आ रही है.
इस संबंध में हमने स्थानीय मुखिया से लेकर जेई तक कई बार शिकायत भी किये, लेकिन वो लोग निवारण की जगह 10,000 मुआवजा का मांग कर रहे हैं. इसी संबंध में आगे राम उदगार सा ने बताया हम लोगों को बरसात के दिनों में काफी दिक्कत हो जाती है. क्योंकि बारिश के दिनों में पानी से बांस सड़ जाता है. और उसमें विद्युत प्रवाहित होने लगती है. आए दिन हम लोगों पर खतरा मंडराता रहता है.
कई बार तो लोगों को करंट भी लग चुका है. लेकिन अभी तक हम लोगों का कोई समाधान नहीं निकला है. इस संबंध में जेई ने बताया हमें इस संबंध में अभी तक कोई भी जानकारी नहीं मिली है. और जो 10,000 रुपया का आरोप लगा रहे हैं वह सरासर गलत है. और ग्रामीण जो बता रहे हैं, की करीब 20 वर्षों से बांस के सहारे बिजली लेने पर मजबूर हैं. हम तो 2 वर्ष पहले इस क्षेत्र में आए भी नहीं थे. किसी आदमी के ऊपर बेबुनियाद इल्जाम लगाना गलत है. अगर पोल नहीं है तो हम पता करके गड़वाते हैं.