शिक्षक दिवस पर टीईटी शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर रखा उपवास

बखरी, बेगूसराय : टीईटी प्रारम्भिक शिक्षक संघ के आह्वान पर प्रखंड इकाई बखरी में कार्यरत टीईटी शिक्षकों ने शिक्षक दिवस के दिन काली पट्टी बांध कर सपरिवार उपवास रखकर विरोध दर्ज कराया। संघ का आरोप है कि राज्य सरकार और शिक्षा विभाग टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों की अनदेखी कर रही है। जबकि बगल के राज्य उत्तर प्रदेश, झारखंड सहित अन्य राज्यों में टीईटी शिक्षकों को सहायक शिक्षक का दर्जा एवं वो हर तमाम सुविधाएं दी जा रही है जो नियमित शिक्षकों को दी जाती है।

अध्यक्ष माला शर्मा ने कहा कि बिहार सरकार शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षकों को झूठा सम्मान देने के बजाय अन्य राज्यों की भांति बिहार में भी टीईटी पास शिक्षकों को एक्सपर्ट शिक्षक मानते हुए सहायक शिक्षक का दर्जा और नियमित शिक्षकों की भांति हूबहू सर्वशर्त का लाभ दे। यही हम टीइटी शिक्षकों के लिए सबसे बड़ा सम्मान होगा।

सचिव प्रेम किशन ने कहा कि खराब वित्तीय स्थिति का हवाला देकर शिक्षकों को समान वेतन से वंचित रखने वाली सरकार द्वारा ग़ैरवित्तीय समस्याओं के निदान के लिए सेवा शर्त बनाने में पांच साल लगाया गया,और जब सेवा शर्त बनकर लगू हुआ तो भी ऐच्छिक स्थानांतरण, अर्जित अवकाश, भविष्य निधि आदि समस्याएं यथावत हैं। जिससे प्रतीत होता है कि सरकार का रवैया शिक्षा व शिक्षक के प्रति उदासीन है।

जिला सचिव सुमन कुमार, मीडिया प्रभारी जितेन्द्र कुमार जिज्ञासु, पिंटू कुमार, शशि कुमार अमर, धर्मांशु कुमार, राजेश कुमार दास, रवि कुमार, प्रदीप पटेल, निर्दोष कुमार, बिपिन कुमार ने कहा की माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित जजमेंट के पारा 78 में भी बिहार सरकार को सुझाव दिया गया है कि टीईटी शिक्षकों को एक्सपर्ट शिक्षक मानते हुए बेटर स्केल दिया जाय बावजूद इसके सरकार टीईटी शिक्षकों की अनदेखी कर तमाम सुविधाओं से वंचित कर मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर रही है। बिहार सरकार द्वारा शिक्षकों के वाजिब मांगों मांगों को अगर जल्द ही पूरा नहीं किया जाता है तो संघ द्वारा आगामी चुनाव में सभी शिक्षक और उनके परिजन गोलबंद होकर सरकार के खिलाफ वोट करेंगें।