समाज में आदर्श चरित्र की स्थापना हेतु राम कथा का श्रवण करना जरूरी:-अखिलेशानंद जी

2 Min Read

नावकोठी/बेगूसराय : मोहद्दीनपुर में हो रहे नौ दिवसीय राम कथा के सप्तम दिवस में भगवान श्री रामचंद्र जी के सुंदर लीलाओं का वर्णन करते हुए कथावाचक अखिलेशानंद जी महाराज ने केवट प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि केवट भगवान श्री रामचंद्र जी के चरणों के प्रति अद्भुत विश्वास और श्रद्धा समर्पण प्रकट किया।केवट ने अपना, अपने लोगों और अपने पितरों का कल्याण किया।केवट ने भगवान श्री राम का दर्शन पाकर अपना संपूर्ण जीवन धन्य किया।भगवान भाव के बस में होते हैं।प्रभु जाति,कुल और गोत्र नहीं देखते।उन्होंने कहा कि रामहि केवल प्रेम पियारा जान सके जो जान निहारा।इस दौरान भरत जी के चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि पिता के वचनों का मान रख श्री राम वन को गए। राज्य का त्याग कर दिए।भरत जी ने भी सिंहासन का त्याग कर दिया और वह अपने भाई को लेने गए। राम जी कहते हैं कि भाई हम दोनों लोग बटवारा करेंगे। दुनिया के भाई संपत्ति का बंटवारा करते हैं पर राम और भरत विपत्ति का बंटवारा करेंगे।जीवन में संबंध बहुत बड़ी चीज होती है। संपत्ति कुछ नहीं होती है। आज संपत्ति के चक्कर में पड़कर व्यक्ति संबंध को तोड़ता है।कहते हैं रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय। तोड़े से फिर ना जुड़े, जुड़े गांठ पड़ जाए।समाज में एक आदर्श चरित्र की स्थापना हेतु श्री राम कथा सुनकर आत्मसात करना जरूरी है।श्रीराम कथा जीवन को आदर्श बनाती है,सुंदर बनाती हैं।इस दौरान राजेन्द्र ठाकुर, रामविलास पंडित,नीरज चौधरी, अरूण चौधरी, चंदन चौधरी सहित सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुष भक्त श्रद्धालुओं ने श्री राम कथा का आनंद लिया।इस दौरान संगीतमय भजन व कथा का श्रवण कर श्रद्धालु श्रोता झूमते रहे।

Share This Article
Exit mobile version