बारिश से बढ़ी ठंड, जनजीवन अस्त-व्यस्त

दिसंबर माह में ठंड की शुरुआत में ही मौसम के करवट बदलते ही जनजीवन अस्त व्यस्त और बदहाल हो गया है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार पछुआ हवा के झमाझम बारिश ने तापमान में गिरावट के साथ कंपकपी वाली ठंड को बढ़ा दिया है। जिससे आमजनों की दिनचर्या पर अप्रतिकूल असल पड़ा है। बच्चे व बूढ़े ठंड से कांपते व ठिठुरने नजर आ रहें हैं।

गर्मिले कपड़े नहीं निकाल पाने के दैनिक कर्मी, शिक्षक, यात्री आदि यत्र तत्र ठंड व बारिश के कारण चाय के दुकानों पर जम कर आग का सेवन करने के लिए मजबूर हैं। बिन बादल बरसात व पछुआ हवा के कारण किसानों की स्थिति चिंताजनक हो रही है। इस संदर्भ में किसान रामचरन महतों ने बताया कि आलू, अरहर, रैंचा आदि फसल पानी के कारण फूलने पर बर्बाद हो जायेगा तथा अगता मक्के की फसल इतना बुरा प्रभाव पड़ेगा कि फसल होने की संभावना क्षीण हो जायेगी।

जबकि धान कटने के बाद सरकार द्वारा नहीं खरीद करने के कारण खराब होने का डर सता रहा है। वहीं अगर धान को बाजार में बेचने पर भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। कुल मिलाकर देखा जाय तो इस बेमौसमी बरसात ने किसानों की कमर तोड़ रही है। मौसम के जानकारों की माने तो पछुआ हवा के साथ-साथ झमाझम बारिश एक सप्ताह तक लगातार कहर डाहयेगा, जिससे लोगों की जनजीवन काफी प्रभावित होगी।

मौसम की मार से बचने के लिए बच्चों एवं बूढ़ों को गरम कपड़े पहनकर आग का सेवन करना होगा तथा ज्यादातर समय घर की चारदीवारी में ही गुजारनी होगी। वहीं आमलोग को शरीर की पूरी सुरक्षा का ख्याल करके घर से बाहर निकलना होगा। अन्यथा उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ेगा जो उन्हें पूरी ठंड के मौसम भर झेलना पड़ेगा।

सामाजिक संस्था बखरी विकास क्लब के अध्यक्ष व शिक्षक कौशल किशोर क्रांति, नवचेतना मंच के राजीव कुन्नु, सामाजिक कार्यकर्ता संजीत साह, गौरव टिवड़ीवाल, आलोक आर्यन, कुंदन पंडित आदि ने प्रशासन से जगह-जगह अलाव की व्यवस्था तथा आमजनों के जनजीवन के रक्षार्थ ठोस कदम उठाने की मांग की हैं।

कौशल क्रान्ति