World’s First Car : दुनिया की पहली तीन पहिए वाली गाड़ी को बनाने में खर्च हुए थे 1000 डॉलर

World’s First Car : दुनिया में हर एक चीज का इतिहास है वैसे ही कारों को लेकर भी दुनिया में काफी पुराना इतिहास है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की पहली कार किसने और कब बनाया था और यह कैसी दिखती थी. आपको बता दें कार्ल बेंज ने 29 जनवरी 1886 को बर्लिन शहर के इंटीरियर पेटेंट कार्यालय में एक वाहन के लिए पेटेंट पेश किया था जो एक गैस इंजन वाला 3 पहिया वाहन था.

जब इसका पेटेंट कार्यालय में जमा किया गया उस समय एक ऐसी खलबली मची जो पहले कभी नहीं देखी होगी. इस पेटेंट स्पेसिफिकेशन को ऑटोमोबाइल क्रांति का जन्म प्रमाण पत्र माना जाता है. आज के इस लेख में हम आपको दुनिया की सबसे पहली कार से जोड़ी 10 रोचक जानकारियां देने जा रहे हैं.

  1. आपको बता दें यह दुनिया का पहला ऑटोमोबाइल प्रोडक्ट था और इसे 1886 और 1893 के बीच कुल 25 वेरिऐंट्स में बेचा गया.
  2. इस गाडी में सिर्फ तीन पहिये थे. ऐसा इसलिए था क्योंकि कार्ल बेंज उस समय चार पहियों वाले वाहनों में उपलब्ध स्टीयरिंग सिस्टम से ज्यादा संतुष्ट नहीं थे.
  3. इस कार का माइलेज 10 किलोमीटर प्रति लीटर और वजन लगभग 100 किलोग्राम था. अवधि के मानकों से ये दोनों बहुत ही कम थी.
  4. इस कार्य में बड़े चक्कों मैनुअल इंजन को घुमा कर दिया गया था जिसकी मूल लागत 1000 डॉलर थी.
  5. दुनिया की इस पहली कार में घोड़े के नाल जैसे दिखाई देने वाली ट्यूबलर स्टील फ्रेम और एक मीटर के तीन वायर स्पोक का इस्तेमाल किया गया जिसकी वजह से यह साइकिल की तरह दिखाई देती थी.
  6. इस कार में लगाई गई सीट हाथों से सिले हुए चमड़े की थी और जो लकड़ी का फर्श दिया गया था वह पॉलिश था. यह सब काम और समय शाही कार को दर्शाते थे.
  7. कार्ल बेंज की पत्नी बर्था ने अपने दहेज में मिले पैसे से इस विकास को वित्तपोषित किया था लेकिन उस समय पर विवाहित महिलाओं को पेटेंट कराने के लिए आवेदन की अनुमति नहीं थी.
  8. बेंज द्वारा बनाई गई दुनिया की इस पहली कार को लंबी दूरी की यात्रा करने के साधन के रूप में जाना गया और ऑटोमोबाइल इतिहास में इस कार ने अपना नाम दर्ज कराया.
  9. बर्था ने इस कार की ड्राइव पर एक मैकेनिक बनकर काम किया. उन्होंने अपने हैट पिन से कार्बोरेटर को साफ किया और तार को इंसुलेट करने के लिए गार्टर का उपयोग भी किया गया.
  10. इस कार के निर्माण के साथ ब्रेक लाइनिंग का भी आविष्कार हुआ. बर्था ने एक स्थानीय जूते चप्पल बनाने वाले को ब्रेक के ब्लॉक पर चमड़े की कील लगाने के लिए कहा था.