Toll Tax पर 10 रुपये भी ज्यादा लेने पर वाहन मालिक को मिलेंगे 8000 रुपये, जानें – विस्तार से…

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Toll Tax : टोल टैक्स से जुड़े नियमों में काफी सुधार हुआ है। अब सभी वाहनों के लिए फास्ट टैग अनिवार्य हो गया है। ऐसे में टोल प्लाजा (Toll Tax) पर चंद सेकेंड में ही टैक्स कट जाता है और वाहन चालकों को इंतजार नहीं करना पड़ता है। लेकिन फिर भी कई ऐसी दिक्कतें हैं जिनसे लोगों को सामना करना पड़ता है।

कई बार देखा गया है कि निर्धारित टोल से कुछ रुपये अधिक काट लिए जाते हैं। यह पैसा बहुत कम है, इसलिए लोग कुछ नहीं कहते। लेकिन इस पर बेंगलुरु के रहने वाले संतोष कुमार एमबी ने आवाज उठाई। अब उन्हें 10 रुपये अतिरिक्त टोल काटने के बदले 8000 रुपये दिए जाएंगे।

हाईवे पर सफर के दौरान एक बार उनके फास्टैग खाते से 5 रुपये अतिरिक्त कट गए। ऐसा होने पर संतोष ने कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया और एनएचएआई को उपभोक्ता अदालत में घसीटा। नतीजतन, अदालत ने NHAI के खिलाफ फैसला सुनाया और अब संतोष को 8,000 रुपये का मुआवजा मिला है। मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना 20 फरवरी और 16 मई, 2020 को हुई थी।

हाइवे पर सफर के दौरान उनसे 35 रुपये की जगह 40 रुपये वसूले गए। उनके वापस आने पर भी ऐसा हुआ। यानी आने-जाने के लिए कुल 10 रुपये अतिरिक्त टोल वसूला गया। ऐसे में इस पैसे की वसूली की जिम्मेदारी संतोष ने उठा ली। एनएचएआई के अधिकारियों से कोई मदद नहीं मिलने पर वह एनएचएआई को उपभोक्ता अदालत ले गए। संतोष कुमार ने एनएचएआई, परियोजना प्रबंधक और टोल रोड कंपनी के प्रबंधक पर मुकदमा दायर किया।

जब मामले की सुनवाई चल रही थी तो एनएचएआई और जेएएस कंपनी के प्रतिनिधि 45 दिनों की समय सीमा के भीतर पेश नहीं हुए। एनएचएआई के परियोजना निदेशक की ओर से अधिवक्ता पेश हुए। उन्होंने तर्क दिया कि शुल्क नियमों के अनुसार काटा गया था क्योंकि कारों के लिए टोल शुल्क 38 रुपये था, इसलिए गोल अंकों में 40 रुपये वसूले गए। आखिरकार, संतोष कुमार ने केस जीत लिया और उपभोक्ता अदालत ने एजेंसी को अतिरिक्त टोल शुल्क वापस करने का आदेश दिया। उन्हें संतोष कुमार को 8,000 रुपये का मुआवजा देने के लिए भी कहा गया था।


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नितेश कुमार झा पिछले 2.5 साल से thebegusarai.in से बतौर Editor के रूप में जुड़े हैं। इन्हें भारतीय राजनीति समेत एंटरटेनमेंट और बिजनेस से जुड़ी खबरों को लिखने में काफी दिलचस्पी है। इससे पहले वह असम से प्रकाशित अखबार दैनिक पूर्वोदय समेत कई मीडिया संस्थानों में काम किया। उनके लेख प्रभात खबर, दैनिक पूर्वोदय, पूर्वांचल प्रहरी और जनसत्ता जैसे अखबारों में भी प्रकाशित हो चुके हैं। अभी नीतेश दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से MA मास मीडिया कर रहे हैं।
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