Car या Bike का मॉडिफाई कराने वाले हो जाएं सावधान! पुलिस कटेगी मोटा चालान…..

Modified Car Bikes : लोगों के अपने-अपने शौक होते हैं और उनमें से कई लोगों को मोडिफाइड कार और बाइक चलाने का शौक भी होता है। लोग अपने शौक को पूरा करने के लिए गाड़ियों के टायर को मोडिफाइड करवा कर उनका साइज बड़ा कर लेते हैं और अतरंगी हॉर्न लगा लेते हैं। किसी हैचबैक कर को SUV में कन्वर्ट कर लेते हैं।

वही बाइक का साइलेंसर चेंज करवा कर उसकी आवाज बदल देते हैं। लेकिन इस तरह के Modification करवाना भारत में गैरकानूनी है। हालांकि अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो उसका चालान भी काटा जाता है। लेकिन आपको मोडिफिकेशन में कुछ रियायत दी गई है जिसके बारे में हम आपको बता रहे है।

जाने क्या है मॉडिफिकेशन के नियम?

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि 2019 में सुप्रीम कोर्ट की एक बैठक में यह फैसला लिया गया था कि कोई भी व्यक्ति अपने वाहन में किसी तरह का बदलाव (Modify Car Bikes) नहीं करवा सकता है जो वाहन निर्माता कंपनी द्वारा उसके कागजों में ना लिखा गया हो। इसके अलावा मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 52 में भी कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति वाहन में ऐसा मोडिफिकेशन नहीं करवा सकता जो वाहन के रजिस्ट्रेशन के समय उसमे ना लिखें गए हो।

इन चीजों को नहीं करा सकते मॉडिफाई

हालांकि वाहनों में कुछ ऐसी चीजों के मॉडिफिकेशन पर बैन लगाया गया है जो उसके मूल स्वरूप को बदल देते है। जैसे इंजन, निकास, बड़े पहिये, तेज हॉर्न, चौड़े टायर और साइलेंसर आदि में बदलाव नहीं करा सकते है। अगर कोई वाहन का मालिक इनमे से कोई भी बदलाव करता है तो उसे हर एक बदलाव के लिए 5000 रुपये जुर्माना और 6 महीने की जेल हो सकती है।

करवा सकते है इतना बदलाव

लेकिन आपको वाहन में कुछ मॉडिफिकेशन (Modification) करवाने की अनुमति दी गई है लेकिन इसलिए लिए RTO की मंजूरी लेना जरूरी है। मान लीजिये आपको गाड़ी में CNG किट लगवाना है तो आपको नियमों का पालन करते हुए ये काम करना होगा।

आप गाड़ी या बाइक के ईंधन में बदलाव कर सकते है लेकिन इसकी मूल सरंचना में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए। इसमें रंग बदलना, रेन विज़र्स, बंपर कॉर्नर प्रोटेक्टर आदि जरूरी बदलाव, टायरों का आकार बदलना और निर्माता और इंजन स्वैपिंग के निर्धारित सीमा में वाहन के ऊपरी संस्करण व निचले पहिए शामिल है, जिसके लिए आपको RTO की मंजूरी लेनी होगी।