डेस्क : राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए कई ऐसी गाड़ियों की खरीद पर सब्सिडी दे रही हैं. महाराष्ट्र इस लिस्ट में टॉप पर है जहां ईवी की खरीद पर सबसे अधिक सब्सिडी दी जा रही है. ईवी की खरीद पर पहले 10,000 खरीदारों को चारपहिया 1.5 लाख रुपये की सब्सिडी दी जा रही है और दोपहिया वाहनों की खरीद पर 10,000 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है. ईवी पॉलिसी जब से लागू हुई है, तब से रोड टैक्स अधिकांश राज्यों में माफ है. गुजरात और केरल इसमें नहीं आते, जहां कुल रोड टैक्स अमाउंट का 50 परसेंट डिस्काउंट दिया जाता है.
लोन लेकर अगर आप ईवी खरीदते हैं, तो लोन के ब्याज पर टैक्स छूट दी जाती है. इस ब्याज पर इनकम टैक्स एक्ट के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट ली जा सकती है. ईवी की खरीद पर केंद्र सरकार सबसे कम 5 प्रतिशत का जीएसटी लेती है. साथ ही ईवी के रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फी को महाराष्ट्र ने माफ कर दिया है.
सब्सिडी वाली इलेक्ट्रिक कारों की कुल संख्या 10,000 यूनिट पर देश के अधिकांश राज्यों ने सीमित कर दी है. इस कैटेगरी में आने वाले वाहनों की एक्स-फैक्टरी लागत सीमा 15 लाख रुपये आंकी गई है, जिसका अर्थ है कि वर्तमान में, यह सिर्फ़ टाटा टिगोर ईवी जिपट्रॉन और टाटा नेक्सॉन ईवी है और यह सभी राज्यों में सब्सिडी के लिए योग्य हैं.इन सब्सिडी के लिए MG ZS EV और Hyundai Kona Electric जैसे बड़े, अधिक महंगे EV योग्य नहीं हैं. महाराष्ट्र इस लिस्ट में सबसे आगे है जहां इन्सेंटिव 5,000 रुपये प्रति kWh की दर से दिया जा रहा है. वहीं चारपहिया ईवी के लिए यह राशि 1.5 लाख निर्धारित है.
बात करें गुजरात, असम और पश्चिम बंगाल की तो ये राज्य 10,000 रुपये प्रति kWh इन्सेंटिव देते हैं, लेकिन कुल सब्सिडी 1.50 लाख रुपये तक सीमित है. ईवी की खरीद पर दिल्ली में भी इसी राशि की पेशकश की जाती है और अभी तक बिहार की अधिसूचित ईवी नीति में भी इसी तरह के लाभों का वर्णन है. इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ओडिशा 1 लाख रुपये तक का इन्सेंटिव देता है. इसके अलावा मेघालय – 4,000 रुपये प्रति kWh के इन्सेंटिव के साथ – कुल 60,000 रुपये की सब्सिडी प्रदान करता है.
राजस्थान, उत्तराखंड, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, पंजाब और उत्तर प्रदेश डायरेक्ट सब्सिडी अपनी नीतियों में इलेक्ट्रिक कारों और एसयूवी के लिए नहीं देते, लेकिन रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस पर छूट दी जाती है. रजिस्ट्रेशन चार्ज देश भर में सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए माफ कर दिया गया है. बता दें कि पिछले साल अगस्त सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने घोषणा भी की थी कि सभी बैटरी से चलने वाले वाहनों को ‘पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने या रजिस्ट्रेशन रिन्यू चार्ज के भुगतान से छूट दी गई है.