Charging Station: उत्तर प्रदेश सरकार लगातार इलेक्ट्रिक व्हीकल को सड़कों पर उतारने के लिए व्यवस्था कर रही है. अब जाहिर सी बात है इलेक्ट्रिक व्हीकल सड़कों पर दौड़ेंगे तो उन्हें बाकी पेट्रोल-डीजल वाहनों की तरह ईंधन की जरूरत होगी.
इसके लिए उत्तर प्रदेश के यमुना एक्सप्रेसवे से लेकर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे तक बैटरी स्वैपिंग व्यवस्था शुरू करने की योजना पर काम किया जा रहा है. हालांकि, जगह-जगह पर चार्जिंग स्टेशन लगाने का भी काम शुरू हो गया है.
उत्तर प्रदेश के इन एक्सप्रेसवे को औद्योगिक विकास प्राधिकरण चार्जिंग स्टेशन को पीपीपी मोड के तौर पर विकसित किया जाएगा. हालांकि, में चार्जिंग स्टेशन को आवेदनकर्ता 10 साल के लिए लीज पर ले सकता है या फिर उसकी जमीन 10 साल के लिए लीज पर ली जाएगी. वहीं आर्थिक तौर पर यूपीडा 100% वित्तीय सहयोग के साथ मदद करेगा.
कब से कब तक होगा आवेदन
बात दें कि, चार्जिंग स्टेशन लगवाने की आवेदन प्रक्रिया 11 नवंबर 2023 से शुरू हो जाएगी. जो 29 नवंबर तक चलेगी इसके बाद चार्जिंग पॉइंट ऑपरेटर की नियुक्त की जाएगी. इसके बाद सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन को तैयार करने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी.
2000 से अधिक चार्जिंग स्टेशन होंगे स्थापित
केंद्र और राज्य सरकार लगातार इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा देने के लिए 2000 चार्जिंग स्टेशन ऑन की स्थापना पर काम कर रही है. जिसे आगरा, लखनऊ, बुंदेलखंड, प्रयागराज, बलिया जैसे तमाम 1300 शहरों में खोला जाएगा. इसका मुख्य उद्देश्य नेशनल हाईवे से लेकर स्टेट हाईवे पर चलने वाले सभी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध कराना ताकि उन्हें मदद मिल सके.