पेट्रोल-डीजल का झंझट खत्म! Hydrogen Car को लेकर Nitin Gadkari का बड़ा बयान – 1KG में चलेगी 400KM..

Hydrogen Car : भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में रोजाना ही बड़े बदलाव हो रहे हैं। इसी क्रम में जल्द ही देश में हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली गाड़ियां भी दौड़ती नजर आएंगी। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा हमेशा ही इलेक्ट्रिक और बायो-फ्यूल से चलने गाड़ियों पर जोड़ दिया जा रहा है।

इस विषय में खुद केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि भारत में आम लोगों को कब से हाइड्रोजन कार मिलने लगेगी। एकड़ अवार्ड शो में शिकरत कर केंद्रीय मंत्री ने प्रदूषण का दो तरफा इलाज भी बताया। नितिन गडकरी ने कहा कि पराली से ईंधन बनाया जा रहा है, जो हाइड्रोजन कार में इस्तेमाल हो सकेग। बताते चलें की नितिन गडकरी भारत की पहली हाइड्रोजन कार में सफर करके इस शो में आए थे।

खबर है कि आने वाले समय में Hydrogen Car (हाइड्रोजन कार) का उत्पादन भारत में ही होगा। साथ ही इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस समय तीन तरीकों से हाइड्रोजन बनाया जा रहा है। Black hydrogen जो कोयले से बनता है। Brown hydrogen जो पेट्रोलियम से बनता है। इसका तीसरा प्रकार है Green hydrogen. ये हाइड्रोजन मुनिसिपल वेस्ट, सीवेज वॉटर या पानी से बनाया जा सकता है।

गडकरी ने कहा, “हम नगर पालिका के कचरे से ग्रीन फ्यूल बनाना चाहते हैं। हम अब ईंधन आयात नहीं, बल्कि निर्यात करना चाहते हैं। हम खेती के वेस्ट से भी एनर्जी बना सकते हैं। इसके लिए हमें इलेक्ट्रोलाइजर चाहिए जो भारत दुनिया में सबसे ज्यादा बनाता है। वो 1.25 से 1.5 करोड़ का बनता है। इसका काम है ऑक्सीजन अलग कर हाइड्रोजन बनाना। इसके लिए हमें जेनरेटर चाहिए जो अब इथेनॉल फ्यूल बेस्ड बना दिया गया है. किर्लोस्कर ने इसे कम लागत में बना दिया है।”

इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री ने कहा, खुद मेरी पत्नी मेरी बातों पर यकीन नहीं करती थी कि पानी से फ्यूल बनाकर कार चलेगी। तब उन्होंने सोच लिया कि अब इसी में सफर करेंगे। सड़क परिवहन मंत्री गडकरी के मुताबिक, भारत में डेढ़ से दो साल में लोग हाइड्रोजन कार चला सकेंगे। उनकी कोशिश है कि 80 रुपए किलो हाइड्रोजन मिल सके। 1 किलो हाइड्रोजन में कार 400 किलोमीटर चल सकेगी।

बता दें इस समय देश में EV की डिमांड इतनी ज्यादा है कि कई मॉडल को घर लाने के लिए तो करीब डेढ साल की वेटिंग पीरियड पूरी करनी होगी। हालांकि इन वाहनों के बिजनेस में आने के बाद भारत को वाहनों के प्रदूषण से निजात मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।