अपने पेट्रोल-डीजल गाड़ी को Electric में कराएं कन्वर्ट, महज 60 पैसे में 1 KM चलेगी, जानिए- कितना खर्चा आएगा..

Convert Diesel Vehicle To Electric : स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत अब 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल कारों को सड़कों पर चलाने पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में कुछ लोग अपनी कारों को स्क्रैप करने की बजाय उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) में तब्दील कर रहे हैं.

अगर आप भी ऐसा करना चाहते हैं तो रेट्रोफिटिंग के जरिए ऐसा कर सकते हैं। इसके बाद आप अपनी पुरानी कार को इलेक्ट्रिक कार ((Electric Vehicle)) में तब्दील कर आसानी से चला सकेंगे। हालांकि ऐसा करने के लिए आपको एक पूरी प्रक्रिया का पालन करना होगा। आपको सबसे पहले अपनी पुरानी कार का रजिस्ट्रेशन आरटीओ से कैंसिल करवाना होगा और फिर सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त इलेक्ट्रिक किट निर्माता कंपनी से संपर्क कर कार को कन्वर्ट कराने के बाद फिर से इलेक्ट्रिक वाहन के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

हालाँकि, रेट्रोफिटिंग के कुछ फायदे और नुकसान भी हैं। ऐसे में हमें ऐसा करने से पहले इसके सभी पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए और अपनी जरूरतों को देखते हुए फैसला लेना चाहिए। तो आइए जानते हैं कि पुरानी कार को इलेक्ट्रिक में बदलने के क्या फायदे और नुकसान हैं।

कीमत बहुत अधिक है : अगर आपके पास छोटी कार है और आपको कम कैपेसिटी का बैटरी पैक और मोटर चाहिए तो इसकी कीमत 3 से 6 लाख रुपए तक आती है, लेकिन अगर आप ज्यादा कैपेसिटी का बैटरी पैक लेते हैं तो यह भी 10 लाख रुपए तक चला जाता है। ऐसे में अब 10 लाख रुपये का बैटरी पैक लेना घाटे का सौदा हो सकता है। इसकी वजह यह है कि अब आपको दस लाख रुपये में नई इलेक्ट्रिक कार मिल सकती है, जिसकी रेंज भी अच्छी होगी और सरकार से सब्सिडी भी मिलेगी।

करना और खर्च करना है : मोटर और बैटरी पैक के साथ आने वाले पुर्जों के अलावा आपको कार के सस्पेंशन और बॉडी लाइन पर भी काफी खर्च करना पड़ सकता है। पुरानी कार होने की वजह से कई बार फिटिंग में दिक्कत के चलते चेसिस को बदलना पड़ता है। जिसकी कीमत बहुत ज्यादा हो जाती है।

पुरानी कार नई होगी : इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपने पुराने वाहन को फिर से कानूनी रास्ते पर चला सकेंगे। साथ ही इसका रजिस्ट्रेशन भी नया होगा और इलेक्ट्रिक होने के बाद कुछ हद तक नया हो जाएगा।

सब्सिडी का लाभ मिलेगा : सरकार की ओर से रेट्रोफिटिंग के लिए सब्सिडी भी दी जा रही है। हालांकि इसके लिए आपको यह चेक करना होगा कि जिस राज्य में आप रेट्रोफिटिंग कराने जा रहे हैं वहां सब्सिडी का क्या प्रावधान है और कितना मिल रहा है।