Toll Tax: देश भर में अब एडवांस और हाईटेक एक्सप्रेसवे की संख्या में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है. पिछले दिनों दिल्ली और मुंबई एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई एक्सप्रेसवे का उद्घाटन कर चुके हैं. अब एक बात तो तय है कि जब गाड़ी चलाने के लिए इतनी जबरदस्त सड़क मिल रही है तो टोल टैक्स (Toll Tax) भी तगड़ा भरना होगा. हालांकि, अभी से लोग इस मार्ग पर चलने के लिए टोल टैक्स के बारे में जानने के लिए इच्छुक हैं. जैसे कि, लोगों के मन में इस तरह का सवाल उठ रहा है कि मार्ग पर कितना टोल टैक्स और कहां-कहां पर टोल टैक्स टोल प्लाजा होने वाले हैं? तो आज हम उन्हें सब सवालों का जवाब इस आर्टिकल में जानने वाले हैं.
दरअसल, आज के समय में देश में चलने वाली गाड़ियों की संख्या में कुछ ऐसी भी गाड़ियां हैं. जिन पर कोई टोल टैक्स नहीं लागू होता है और परिवहन मंत्रालय ने इन गाड़ियों की लिस्ट जारी करते हुए कहां की वाहनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सड़क का निर्माण करने के लिए टोल टैक्स (Toll Tax) का उपयोग इसीलिए किया जाता है. क्योंकि ये भारतीय राष्ट्रीय राज्य मार्ग प्राधिकरण पर नियंत्रण के अंतर्गत आता है. वैसे तो पहले टोल टैक्स सुनने के लिए लोगों से कैश लिया जाता था. लेकिन अब भारत सरकार ने इसे फास्ट टैग में बदल दिया है.
इन गाड़ियों से चलने वाले लोगों को नहीं देना होता टैक्स
- जिसमें भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- भारत के चीफ जस्टिस
- भारत के उपराष्ट्रपति
- किसी भी राज्य के राज्यपाल
- सुप्रीम कोर्ट जज
- पूर्ण सामान्य समक्ष रैंक के रैंक ऑफ स्टाफ
- केंद्र शासित प्रदेश के लेफ्टिनेंट गवर्नर
- लोकसभा अध्यक्ष किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री
- किसी भी राज्य की विधानसभा के अध्यक्ष
- किसी भी राज्य के विधान सभा परिषद
- हाई कोर्ट जज
- थल सेना कमांडर
- हाई कोर्ट चीफ जस्टिस
- थल सेना अध्यक्ष के कमांडर
- राज्य सरकार के मुख्य सचिव
- राज्यों की परिषद
- भारत सरकार के सचिव
- लोकसभा और सचिव की गाड़ियां पर टैक्स नहीं लिया जाता है.
इन लोगों को भी मिलती है छूट
- अर्धसैनिक बल और पुलिस सहित वर्दी में राज्य सशस्त्र बल के साथ-साथ फायर फाइटर डिपार्टमेंट और एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के अलावा शव वाहन पर किसी तरह का कोई टोल टैक्स नहीं देना होता है.
- दूसरे देश से आए हुए राजकीय यात्रा पर विदेशी लोगों के लिए और किसी राज्य की विधानसभा का सदस्य के अलावा राज्य की विधानसभा परिषद का सदस्य के साथ-साथ राज्य के संबंध विधानमंडल द्वारा जारी किया गया पहचान पत्र दिखाया तो उसे टोल टैक्स नहीं देना होता है.